सीतामढ़ीः लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज दूसरा दिन है. छठव्रती आज खरना का प्रसाद बनाएंगी और शाम में छठ माता को अर्पित कर प्रसाद ग्रहण करेंगी, जिसके बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाएगा. एक तरफ जहां प्रदेश में प्रशासन की ओर से छठ घाट, तालाब और पोखर की तैयारियों को अंतिम रुप दिया जा रहा है. वहीं, जिले में स्थित मां सीता की जन्म स्थली पुनौरा धाम के सीता कुंड तालाब पर प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. यहां स्थानीय लोग खुद तालाब की सफाई कर रहे हैं.
स्थानीय लोग करते हैं घाट की मरम्मत
जिले में छठ व्रतियों के लिए छठ घाट की सफाई अंतिम चरण में है. मां जगत जननी सीता की जन्म स्थली पुनौरा धाम के सीता कुंड तालाब पर स्थानीय लोगों के सहयोग से छठ घाट की सफाई और मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. महंत कौशल दास ने कहा कि सीताकुंड तालाब में हर साल करीब आठ से 10,000 परिवार छठ व्रत करने पहुंचते हैं. लेकिन जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि की ओर से किसी प्रकार का सहयोग नहीं दिया जाता है. वहीं, स्थानीय निवासी विजय राय ने बताया कि तालाब पर साफ-सफाई और मरम्मत का काम स्थानीय लोग ही मिलजुलकर करते हैं. प्रशासन की ओर से यहां किसी भी प्रकार का कोई काम नहीं किया जाता है.
कुंड में निर्मित है 5 तालाब
महंत ने बताया कि मां जगत जननी सीता पुनौरा धाम के कुंड में 5 तालाब निर्मित है. जिसमें पुंडरीक ऋषि आश्रम का तालाब बाबा पोखरिया, सीता कुंड, पुनौरा गांव स्थित तालाब और खड़का तलाब शामिल है. तालाबों में करीब 25 से 30000 परिवार छठ व्रत करते हैं. लेकिन इन जगहों पर जिला प्रशासन की ओर से किसी प्रकार का कोई सहयोग नहीं दिया जाता है. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग मिलजुल कर हर साल साफ-सफाई सहित छठ संबधित व्यवस्था करते है. हालांकि छठ के अवसर पर एसडीआरएफ की टीम के अलावा पुलिस बल की तैनाती जरूर की जाती है.
जायजा लेने लखनदेई नदी पहुंचे एसडीओ कुमार गौरव क्या है इनका कहना?
एसडीओ कुमार गौरव लखनदेई नदी के किनारे छठ घाट का जायजा लिया. घाट के आसपास गंदगी को देखकर उन्होंने सफाई कर्मियों को घाट पर साफ-सफाई के निर्देश दिए. वहीं उन्होंने पुनौरा धाम सीता कुंड के संबंध में कहा कि घाट पर जो भी कमियां है जिला प्रशासन की ओर से उसे ज्लद से जल्द दूर की जाएगी. इस दौरान उन्होंने बताया कि पर्व के अवसर पर छठ घाटों पर एसडीआरएफ की टीम, रोशनी और पेयजल की व्यवस्था के साथ ही सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. ट्रैफिक व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त और सहज बनाए रखने के लिए जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती की जाएगी. पर्व पर किसी प्रकार की कोई घटना नहीं हो इसके लिए खतरनाक घाटों का चयन कर वहां पर गोताखोर और नाव की व्यवस्था की जाएगी.