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इंडो-नेपाल सीमा खुलने से दोनों देशों के नागरिकों में खुशी की लहर, शुरू हुआ मिलने मिलाने का दौर - नेपाली क्षेत्र

भारत और नेपाल के लोगों का एक दूसरे से बेटी-रोटी का संबंध है. जहां करीब 50% लोगों की रिश्तेदारी नेपाल में और नेपाल के लोगों की रिश्तेदारी भारत में है. लगातार बॉर्डर बंद रहने के कारण दोनों देश के लोग काफी चिंतित थे.

इंडो भारत नेपाल सीमा
इंडो भारत नेपाल सीमा

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Published : Feb 4, 2021, 1:55 PM IST

सीतामढ़ीः इंडो-नेपाल सीमा खुलने से भारत और नेपाल के नागरिकों में खुशी की लहर है. दोनों देशों के लोग अपने रिश्तेदारों से बिना किसी रोक टोक के मिलने पहुंच रहे हैं.

नेपाली नेताओं ने दिया था धरना
बंद बॉर्डर को खुलवाने के लिए नेपाल के जनता समाजवादी पार्टी और नागरिक समाज, रौतहट के तत्वधान में बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन किया गया था. नेपाल सरकार ने 26 नवंबर 2020 को बैरगनिया से जुड़ी गौर नेपाल के बॉर्डर को खोल दिया था. लेकिन भारतीय क्षेत्र का बैरगनिया बॉर्डर नहीं खुला था.

नेपाली क्षेत्र का बॉर्डर खुलने का लाभ भारत-नेपाल के सीमांचल क्षेत्र के लोगों को नहीं मिला. बॉर्डर बंद रहने का खामियाजा रौतहट के मधेशी नागरिकों को उठाना पड़ रहा था. इन्हें महंगे दामों पर आवश्यक समनों की खरीदारी अपने इलाके में करके चुकाना पड़ रहा था. बॉर्डर बंद होने से बैरगनिया बाजार में सन्नाटा पसरा रहता था.

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शिवहर और सीतामढ़ी सांसद ने किया था हस्तक्षेप
शिवहर सांसद रमा देवी, सीतामढ़ी सांसद सुनील कुमार पिंटू ने भी इस मामले में हस्तक्षेप कर बॉर्डर को खुलवाने की मांग की थी. बुधवार को गृह मंत्रालय के आदेश पर भारतीय बॉर्डर को खोल दिया गया है. अब नेपाल और भारत के लोग अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए एक दूसरे के यहां पहुंच रहे हैं.

24 मार्च 2020 से बंद था बॉर्डर
बता दें कि 24 मार्च 2020 से भारत-नेपाल सीमा लगातार बंद थी. लेकिन अब नेपाल और भारत सरकार ने अपने-अपने बॉर्डर को खोल दिया है. लॉकडाउन से बाद भारत और नेपाल की सीमा खुलने से दोनों देश के नागरिक अपने-अपने रिश्तेदार से मिल रहे हैं.

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