एक क्लास रूम में पढ़ते हैं 4-4 क्लास के बच्चे सीतामढ़ी:बिहार मेंशिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की कोशिशें जारी हैं ताकि बच्चों का भविष्य बेहतर बन सके. लेकिन सीतामढ़ी से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसने इन सारी कोशिशों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. मामला सीतामढ़ी जिले के मधुबन उच्च माध्यमिक विद्यालय का है, जहां एक क्लास रूम में बैठकर कई कक्षाओं के बच्चों को पढ़ना पड़ता है. ऐसा नहीं है कि यहं कक्षाओं की कमी है, लेकिन पढ़ाने वाले शिक्षकों की कमी का खामियाजा बच्चों को उठाना पड़ रहा है.
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एक क्लास रूम में पढ़ते हैं 4-4 क्लास के बच्चे : यूं तो विद्यालय में संसाधनों की कोई कमी नहीं है, लेकिन क्लास और हर विषय के टीचर नहीं होने के कारण छात्र छात्राओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. विद्यालय के प्राचार्य डॉ मनीष कुमार झा ने कहा कि हर विषय के टीचर नहीं होने के कारण छात्र-छात्राओं को पढ़ने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. वहीं एक ही वर्ग में एक साथ चार क्लास के बच्चे को पढ़ाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
एक कमरे में चार-चार क्लास "इसको लेकर जिले के आला अधिकारियों को पत्र लिखा गया है. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी. अगर बच्चों को सही तरीके से शिक्षा दी जाएगी तो वे जिले का नाम देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भी रोशन करने की क्षमता रखते हैं. एक ही क्लास में चार क्लास के बच्चों को पढ़ाने में हमें कठिनाई हो रही है. बच्चों को भी पढ़ाई में ध्यान लगाने में परेशानी होती है."-डॉ मनीष कुमार झा, प्राचार्य
ऐसी हाईटेक व्यवस्था का क्या औचित्य?:मधुबन उच्च माध्यमिक विद्यालय में एक ही वर्ग में हाईटेक व्यवस्था है. एक ही क्लास में बच्चों को पढ़ाने के लिए बड़ा सा एलसीडी भी लगाया गया, लेकिन शिक्षकों के द्वारा जब पढ़ाई के लिए एलसीडी टीवी को स्टार्ट किया जाता है तो कई बच्चों को परेशानी होती है. ग्यारहवीं क्लास के बच्चे तो इसे समझ पाते हैं लेकिन अन्य क्लास के बच्चों को पढ़ाई में कठिनाई का सामना करना पड़ता है.
शोर शराबे के बीच टीचर और छात्र परेशान शोर शराबे में कैसे होगी पढ़ाई?: वहीं एक छात्र ने बताया कि एक रूम में चार क्लास के स्टूडेंट्स पढ़ते हैं. वहीं बगल वाले रूम में जूनियर क्लास के बच्चों की पढ़ाई होती है और हंगामे के कारण उन्हें पढ़ाई के दौरान काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. शोर शराबे में टीचर की आवाज सुनाई तक नहीं देती है.
"एक ही कमरे में चार क्लास के बच्चों को पढ़ाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. विद्यालय में संसाधनों की कमी नहीं लेकिन हर विषय के शिक्षक नहीं है और एक कमरे में चार क्लास के बच्चों को पढ़ाने के कारण बच्चे कुछ समझ नहीं पा रहे हैं."- अतुल कुमार, छात्र
"इन्हीं हालातों में तीन बैच निकल चुके हैं. चार क्लास के बच्चे एक साथ बैठकर पढ़ाई करते हैं. कम से कम बिल्डिंग उपलब्ध हो जाए तो बच्चों की समस्या कुछ हद तक दूर हो सकती है."-अर्चना कुमारी, शिक्षिका