सीतामढ़ी:जिले में भारी बारिश और बाढ़ के कारण अधिकांश प्रखंडों की आबादी पूरी तरह प्रभावित हो चुकी है. इंसानों के साथ-साथ मवेशियों का भी हाल बेहाल है. इस बाढ़ और बारिश का व्यापक असर किसान सेवा केंद्र पर भी देखा जा रहा है. जिस किसान सेवा केंद्र पर कभी खाद, बीज और कीटनाशक की बिक्री होती थी, आज वहां भूसा की बिक्री हो रही है.
सीतामढ़ी में बाढ़ और बारिश के कारण किसानों का खेत डूब चुके हैं, फसलें बर्बाद हो चुकी हैं. मवेशियों को चारा मिलना भी दूभर हो चुका है. किसान अपने भोजन के साथ-साथ मवेशियों के भोजन के लिए भी मशक्कत कर रहे हैं. खेतों में चारा नहीं मिल पाने के कारण पशु पालक किसान सेवा केंद्रों से मवेशियों का चारा खरीद कर ले जा रहे हैं.
किसान सेवा केंद्रों में बिक रहा भूसा आसमान छू रहे दाम
आम दिनों में 2 से 3 रुपये प्रति किलो बिकने वाला भूसा इन दिनों किसानों को 10 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदना पड़ रहा है. इस बाढ़ और बारिश का व्यापक असर हर तरफ देखा जा रहा है. सिंचाई के इस मौसम में बाढ़ नहीं आने पर धान, सब्जी और गन्ने की फसल में बेहतर उत्पादन के लिए किसान अपने खेतों में यूरिया, डीएपी, पोटाश, सल्फर, जिंक, कीटनाशक, टॉनिक, बोरन और सब्जी का बीज खरीद कर खेतों में डालते है ताकि पैदावार बढ़े. लेकिन, इस बार सारे मंसूबों पर पानी फिर गया.
बाढ़ में डूब गए खेत-खलिहान
भारी बारिश और बाढ़ के पानी में किसानों के खेत पूरी तरह से डूब चुके हैं. सभी प्रकार की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं. लिहाजा किसान खाद, बीज और कीटनाशक का उपयोग नहीं कर रहे हैं. इस कारण किसान सेवा केंद्र संचालक को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. विगत 25 दिनों से किसान सेवा केंद्र पर ग्राहकों के नहीं पहुंचने से दुकानदार मायूस हैं. खाद, बीज और कीटनाशक बेचने के बजाय किसान सेवा केंद्र के संचालक मजबूरी में मवेशियों के लिए भूसा बेच रहे हैं, ताकि दो वक्त की रोटी का जुगाड़ हो सके.