सीतामढ़ीः जिले में 10 जुलाई को आई भीषण बाढ़ के कारण नेपाल की तराई से निकलने वाली बागमती नदी लाल निशान से ऊपर बह रही थी. किसानों के खेत में बाढ़ का पानी घुस गया था. जिससे उनकी फसलें डूबकर बर्बाद हो गई थी. लेकिन 13 जुलाई के बाद से नदी के जलस्तर में लगातार कमी दर्ज की जा रही है. जिससे किसान थोड़ी राहत महसूस कर रहे हैं.
2 मीटर 21 सेंटीमीटर कम हुआ पानी
बागमती नदी जिले के ढेंग, सोनाखान, डूबा घाट, मारर घाट, चंदौली घाट और कटौझा घाट के पास लाल निशान से ऊपर बह रही थी. बाढ़ के पानी की वजह से धान, गन्ना और सब्जी की फसलों को काफी नुकसान हुआ था. बागमती अवर प्रमंडल के एसडीओ आफताब आलम ने बताया कि 12 जुलाई तक बागमती नदी का जलस्तर 59.52 सेंटीमीटर दर्ज किया गया था. लेकिन 13 जुलाई से नदी का जलस्तर लगातार घट रहा है. जिससे पानी का जलस्तर 2 मीटर 21 सेंटीमीटर कम हो गया है. जो जिलेवासियों के लिए राहत भरी खबर है.
धान की रोपनी शुरू
बागमती और मनुष्यमरा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि के कारण किसानों के खेत में लगी सभी तरह की फसल बर्बाद हो गई थी. अब दोनों नदियों के जलस्तर में कमी दर्ज की जा रही है और खेतों से पानी निकलना शुरू हो गया है. जिससे किसानों को थोड़ी राहत मिली है. किसान भीम सिंह ने बताया कि जिन खेतों से पानी निकल गया है वहां फिर से धान की रोपनी शुरू कर दी गई है.