बिहार

bihar

ETV Bharat / state

बिगड़ते मौसम ने तोड़ी लीची किसानों और कारोबारियों की कमर, लाखों के फल हुए खराब - bihar news

इस साल बदलते मौसम ने किसानों और कारोबारियों की कमर तोड़ दी है. अचानक बारिश और फिर गर्मी के बढ़ने के चलते जिले में लीची की फसल को काफी नुकसान हुआ है.

ghghgh
ghghgh

By

Published : Jun 16, 2020, 10:50 PM IST

Updated : Jun 21, 2020, 5:26 PM IST

सीतामढ़ी: मौसम में लगातार बदलाव होने का खामियाजा लीची कारोबारी और किसानों को भुगतना पड़ रहा है. लीची कारोबारियों को इस बार पेड़ पर लगी लीची देखकर अच्छे मुनाफे की उम्मीद थी, लेकिन खराब मौसम ने उस पर पानी फेर दिया.

आलम ये है कि बेमौसम हुई बारिश और बीच-बीच में ज्यादा गर्मी के कारण पेड़ों पर लगा फल अधिक मात्रा में खराब होकर जमीन पर गिर रहा है, इसलिए लीची का बगीचा खरीदने वाले कारोबारियों को काफी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. एक महिला लीची व्यवसायी ने बताया कि इस बार का घाटा भरपाई करना बेहद मुश्किल हो गया है. जितना घाटा इसबार उठाना पड़ रहा है उतना पहले कभी नहीं हुआ. महिला कारोबारी ने कहा कि किसानों को पैसे देने तक की हालत नहीं है. हर बार से इस बार ज्यादा घाटा हुआ है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

बदलते मौसम ने सबकुछ किया तबाह
बता दें कि जिले के किसान दो तरह की लीची अपने बगीचे में लगाए हुए हैं. जिसमें शाही और चाइना लीची शामिल है. शाही लीची का समय समाप्त हो चुका है, अब चाइना लीची के पकने का समय है जो बाजारों में अभी बिक्री किया जा रहा है, लेकिन खराब मौसम के कारण चाइना लीची का अधिकांश फल खराब होकर जमीन पर गिर रहा है. जिसे देखकर बगीचा खरीदने वाले व्यवसायी काफी दुखी हैं.

सड़ रही लीची

तापमान में बदलाव है कारण
इस संबंध में पूछे जाने पर जिला उद्यान सहायक निदेशक नीरज झा ने बताया कि लीची की बेहतर पैदावार के लिए 30 डिग्री से नीचे का तापमान होना बेहद जरूरी होता है, लेकिन इस बार तापमान में बार-बार बदलाव हो रहा है, इसलिए लीची का अधिकांश फल खराब होकर गिर रहा है और इसका खामियाजा लीची कारोबारी को भुगतना पड़ रहा है. बेहतर पैदावार के लिए 30 डिग्री से नीचे का तापमान होना बहुत जरूरी होता है, लेकिन इस बार हुई बेमौसम बारिश फिर अत्यधिक गर्मी पड़ने के कारण लीची की फसल को भारी नुकसान हुआ है.

बगीचे में आंधी तूफान से टूट कर नीचे गिरी लीची

लीची बिक्री की दर
जिले में लीची की बिक्री दर थोक और खुदरा भाव में अलग-अलग है. बगीचा खरीदने वाले व्यवसायी खुदरा कारोबारी को 60 से 70 रुपये सैकड़े की दर से लीची देते हैं. जिसे खुदरा कारोबारी 80 से 100 रुपये प्रति सैकड़ा की दर से बिक्री करते हैं. अगर लीची की पैदावार प्रभावित नहीं होती तो इस बार बगीचा खरीदने वाले कारोबारी और खुदरा विक्रेता दोनों को बेहतर आमदनी होती.

पेड़ पर लगी लीची
Last Updated : Jun 21, 2020, 5:26 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details