सीतामढ़ीःबच्चों को टीवी के जरिए पढ़ाई खूब रास आ रही है. 9वीं और 10वीं क्लास के बच्चे एक घंटे के टीवी क्लास का भरपूर लाभ उठा रहे हैं. पढ़ाई डीडी बिहार पर 11 बजे से लेकर 12 बजे तक हो रही है. बच्चे सरकार की इस पहल की सराहना कर रहे हैं.
घर बैठे हो रही है क्लास
जिले के कमला बालिका उच्च विद्यालय की 9वीं क्लास की छात्रा नीलोफर खातून ने बताया कि अभी करोना महामारी को लेकर लॉकडाउन है. इसमें हमारी पढ़ाई बहुत पीछे हो रही थी. अब दूरदर्शन के माध्यम से पढ़ाई कराई जा रही है. सरकार का ये फैसला सराहनीय है. उसने कहा कि रोजा की भी शुरुआत हो गई है. हम लोग रोजा के साथ-साथ घर बैठे क्लास भी कर रहे हैं.
घर में बैठकर दूरदर्शन के माध्यम से पढ़ाई करती बच्चियां टीचर करते हैं डाउट क्लियर
नीलोफर ने कहा कि हम अपने डाउट को शिक्षक को कॉल या व्हाट्सएप करके क्लियर कर लेते हैं. आज हम लोगों ने फिजिक्स में गति के बारे में जाना और सोशल साइंस में फ्रांस की क्रांति के बारे में चार टॉपिक पढ़ें हैं. इसके अलावा प्रेस की आजादी, धार्मिक स्वतंत्रता और सामान मताधिकार के बारे में भी बताया गया. पढ़ाई के दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के बारे में जानकारी दी जाती है.
कोर्स हो रहा कवर
साहिबा खातून बताती हैं की स्कूल बंद होने के कारण हम लोग डीडी बिहार पर प्रसारित इस कक्षा का काफी लाभ उठा रहे हैं. हमारा कोर्स कवर हो रहा है. शिक्षकों का पूरा सपोर्ट मिल रहा है. इसके लिए हम दूरदर्शन और बिहार सरकार को बहुत धन्यवाद देते हैं.
20 हजार से अधिक बच्चे कर रहे हैं पढ़ाई
डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने कहा कि जिले में 9वीं और 10वीं के 20,000 से अधिक बच्चों को इससे लाभ मिल रहा है. बच्चे डीडी बिहार से पढ़ाई करने के साथ-साथ उन्नयन एप पर सवाल-जबाब भी कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि जिले 125 विद्यालयों के छात्र उन्नयन एप से जुड़ चुके हैं.
डीएम ने कहा कि सर्वप्रथम बांका जिले में उन्नयन बांका के नाम से स्मार्ट क्लास की शुरुआत हुई थी. सीतामढ़ी की वर्तमान डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा उस समय बांका में डीडीसी के पद पर सेवा दे रहीं थीं. ये वहां के तत्कालीन डीएम कुंदन कुमार के साथ इस पर काफी मेहनत की थीं. बच्चे गुगल प्ले स्टोर से उन्नयन एप को डाउनलोड करके इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं.
मेरा दूरदर्शन मेरा विद्यालय
वहीं, शिक्षक बताते हैं कि 'मेरा दूरदर्शन मेरा विद्यालय' एक बहुत अच्छी पहल है. हम लोग बच्चों के डाउट्स मोबाइल के माध्यम से दूर करने की कोशिश करते हैं.