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सीतामढ़ी: DM ने अधिकारियों के साथ की बैठक, कहा- कोरोना का डटकर करना है मुकाबला

सीतामढ़ी में डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि बीमारी की गंभीरता को देखते हुए सभी को सचेत रहने की आवश्यकता है.

DM meeting on corona virus in sitamarhi
DM meeting on corona virus in sitamarhi

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Published : Apr 13, 2020, 8:00 PM IST

सीतामढ़ी: समाहरणालय के सभागार में डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने सोमवार को अधिकारियों के साथ एक बैठक की. डीएम ने बताया कि जिले के लिए एक बार फिर राहत देने वाली रिपार्ट आई है. जांच के लिए भेजे गए 59 सैंपल में से अब तक कुल 56 रिपोर्ट मिली है. जिसमें सभी नेगेटिव पाए गए हैं. सभी के सहयोग से कोरोना महामारी संकट का डटकर मुकाबला किया जा रहा है. उन्होंने कहा है कि इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए वर्तमान में हमें और भी ज्यादा सचेत रहने की आवश्यकता है और इसका सबसे अच्छा उपाय है कि हम सोशल डिस्टेंसिंग को बनाये रखें.

15 जगह पर स्थापित किए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर
डीएम ने कहा कि अगर आप हाल-फिलहाल में प्रभावित क्षेत्रों से आएं हैं तो अपनी यात्रा संबधी जानकारी जिला प्रशासन को अनिवार्य रूप से दें. ऐसा करकर आप खुद को और सभी को संक्रमित होने से बचा सकते हैं. उन्होंने बताया कि जिले के पांच सीमा राहत केंद्र में 162 लोग रह रहे हैं. तीन आपदा राहत केंद्र में 223 लोग भोजन कर रहे हैं.

जिले के वैसे 14 हजार 58 श्रमिक जो लॉक डाउन में राज्य के बाहर ही रह रहे हैं, उनके खाते में एक-एक हजार रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रदान किए गए है. क्वॉरेंटाइन सेंटर सह आइसोलेशन सेंटर भी 15 जगह पर स्थापित किए गए हैं. जिसकी क्षमता 356 बेड की है. प्रखंड स्तर पर जो क्वॉरेंटाइन सेंटर बने हैं, उसकी कुल संख्या 46 है. जिसकी क्षमता 3420 है.

अधिकारियों के साथ बैठक करतीं डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा

पांच टीम का गठन
डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने कहा कि वैसे व्यक्ति जिनमें कोरोना के संक्रमित होने के लक्षण यथा सर्दी, खांसी, बुखार भी पाए जाते हैं, उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा जाना है. वहां से सैंपल लेकर उसकी जांच करानी है और जो भी पॉजिटिव पाए जाते हैं, उनको क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा. इसके अतिरिक्त जिसमें कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं और चिकित्सीय दृष्टिकोण से गंभीर पाए जाते हैं, उन्हें एनएमसीएच पटना रेफर किया जाना है.

ताकि प्रभावित व्यक्ति की जीवन की रक्षा की जा सके. इसके लिए पांच टीम का गठन किया गया है. जिसमें स्पेशल ट्रेंड मेडिकल स्टाफ हैं. इस दौरान डीपीआरओ परिमल कुमार सहित कई अधिकारी मौजूद रहे.

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