सीतामढ़ी:यूं तो केंद्र और राज्य सरकार दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं चल रही है. लेकिन, उनके आलाधिकारियों की लापरवाही के कारण दिव्यांगों को सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. जिले के दिव्यांग शिक्षक इंद्रजीत कुमार यादव इन दिनों अधिकारियों का दंश झेलने को मजबूर हैं.
जानकारी के मुताबिक पिछले 13 महीनों से सीतामढ़ी के बथनाहा प्रखंड के देहरी गांव निवासी इंद्रजीत कुमार यादव को वेतन नहीं मिला है. जिस कारण उनके घर में खाने के लाले पड़े हुए हैं. कई बार अधिकारियों के चक्कर लगाने के बावजूद उनकी सुनवाई नहीं हो रही है.
सरकारी अनदेखी का शिकार दिव्यांग शिक्षक मना करने पर भड़के अधिकारी
दरअसल, साल 2007 में इंद्रजीत की बहाली दिव्यांगता कोटे के तहत पंचायत शिक्षक के रूप में हुई. कुछ दिनों तक सब ठीक चल रहा था. इसी बीच इंद्रजीत को साल 2019 में चुनावी ड्यूटी में लगाया गया. टाइफाइड होने के कारण इंद्रजीत चुनाव ड्यूटी में नहीं जा सके. जिस कारण अधिकारियों ने उनका वेतन बंद करवा दिया.
नहीं मिला वेतन
बता दें कि दिव्यांग इंद्रजीत कुमार यादव प्राथमिक विद्यालय बुड़रिया टोल में प्राथमिक शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में इंद्रजीत को चुनाव कार्यों में लगाने का आदेश जिला प्रशासन ने दिया. इस बीच उन्हें बीमारी हो गई. जिसकी सूचना उन्होंने तत्कालीन जिलाधिकारी डॉ. रंजीत कुमार सिंह को दी. इसके बाद इंद्रजीत को चुनाव कार्य से हटा दिया गया. ठीक होने पर वे नियमित रूप से स्कूल जाते रहे. लेकिन, शिक्षा विभाग की ओर से उन्हें वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है.
सरकार के खिलाफ शिक्षक संघ में गुस्सा
इस मामले को लेकर शिक्षक संघ के लोग भी कई बार जिले के आला अधिकारियों से मिल चुके हैं. जिला शिक्षक संघ के महासचिव श्याम सुंदर कुमार ने बताया कि वे कई बार जिलाधिकारी सहित शिक्षा विभाग के कई वरीय पदाधिकारी से मिलें हैं ताकि इंद्रजीत की समस्या का समाधान हो सके. बावजूद उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है. ऐसे में उन्हें वर्तमान जिलाधिकारी अभिलाषा कुमारी से मदद की आस है.