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'लालू और नीतीश ने मुझे बनाया सीतामढ़ी का उम्मीदवार, लेकिन दो नेता रच रहे साजिश', देवेश चंद्र ठाकुर का बयान - Sitamarhi Loksabha Seat

Sitamarhi Loksabha Seat: सीतामढ़ी में विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने प्रेस वार्ता कर अपने खिलाफ साजिश करने वालों को चेताया है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन के दो नेता उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं, जो ठीक नहीं है. पढ़ें पूरी खबर.

विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर
विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 28, 2023, 1:05 PM IST

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सीतामढ़ी: बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने सीतामढ़ी के डुमरा स्थित अथरी कोठी में प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिले में महागठबंधन के दो नेता उनके खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं, जो ठीक नहीं है. सभापति ने कहा कि अगर लोकसभा चुनाव में सवर्ण के द्वारा पिछड़ों और अति पिछड़ों को जीताकर लोकसभा और विधानसभा भेजा जाता रहा है तो एक बार सवर्ण को मौका मिलना चाहिए.

महागठबंधन नेताओं पर बयानबाजी का आरोप: वहीं सभापति ने कहा कि वो उन नेताओं को नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और ललन सिंह के पास ले चलेंगे, और उनसे ये कहवा देंगे कि पार्टी ने ही उन्हें सीतामढ़ी से लोकसभा चुनाव लड़ने को कहा है. कहा कि वो लोग है ही कौन? कहा कि एक पूर्व सांसद हैं, उनका उन्होंने एक बयान सुना जिसमें सासंद ने कहा कि पिछले 72 सालों में जितना काम नहीं हुआ है, उतना उन्होंने 5 साल में किया है.

"पूर्व सांसद कहते हैं कि 72 साल में जो काम नहीं हुआ वह उन्होंने 5 साल में कर दिया जबकि एमपी फंड से होने वाले कार्य को गिनाते हैं. शर्म नहीं आती उन्हें ऐसी बात करते हुए. नागेंद्र यादव तीन-तीन बार क्षेत्र में रहे, किसी को कोई शिकायत नहीं थी. नवल राय के समय में सबसे ज्यादा काम हुआ होगा, वो भी दो-तीन टर्म रहे. ये लोग भारत सरकार की योजनाओं में भी अपनी क्रेडिट ले लेते हैं."- देवेश चंद्र ठाकुर, सभापति, बिहार विधान परिषद

'स्वर्ण को मौका मिलना चाहिए':सभापति ने कहा कि आज तक 2006 के बाद नीतीश कुमार जब से मुख्यमंत्री बने और एनडीए के साथ रहे तब से अब तक महागठबंधन का कोई उम्मीदवार चुनाव जीत कर लोकसभा नहीं गया है. उन पर कोई आरोप नहीं है. अगर लोकसभा चुनाव में सवर्ण के द्वारा पिछड़ों और अति पिछड़ों को जीताकर लोकसभा और विधानसभा भेजा जाता रहा है तो क्या एक बार सवर्ण को मौका नहीं मिलना चाहिए.

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