सीतामढ़ी: बिहार के सीतामढ़ी में प्रसिद्ध पशु रामनवमी मेले (Animal Fare In Sitamarhi)के अस्तित्व पर संकट गहराता दिख रहा है. बीते दो वर्ष से कोरोना महामारी (Sitamarhi Famous Animal Ramnavami Fair)) के बाद पहली दफा इस मेले का आयोजन किया गया है. पिछले कई वर्षों से यह आयोजन माता सीता की जन्म स्थली सीतामढ़ी में विश्व प्रसिद्ध रामनवमी पशु मेला का आयोजन होता आ रहा है. इस वर्ष भी जिला प्रशासन और मेले के आयोजन कर्ता के द्बारा मेले की शुरुआत की गई है. जिला प्रशासन के अनुसार इस मेले को लेकर काफी तैयारी की जा चुकी है. लगभग हजारों की संख्या में लोगों के अपने पशुओं को लेकर यहां पहुंचने की उम्मीद है.
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लॉकडाउन के बाद लगा पशु मेला:बिहार के सोनपुर में लगने वाले पशु मेले के (Animal Fare In Bihar) बाद जिले का रामनवमी पशु मेले को दूसरा स्थान प्राप्त था. इस मेले में देश के कोने-कोने से लोग पशु खरीदने आते थे. वहीं पड़ोसी देश नेपाल से भी लोग अच्छी नस्ल की पशु खरीदारी के लिए सीतामढ़ी के रामनवमी मेला में पहुंचते थे. कोरोनावायरस जैसी वैश्विक महामारी को लेकर जब भारत सरकार ने लॉकडाउन लगाया, उस समय कोरोना महामारी के कारण बीते 2 साल तक रामनवमी पशु मेले का आयोजन नहीं हो पाया था. कोरोना महामारी के बाद पहली बार जब पशु मेला लगाया गया तो रामनवमी पशु मेले में पहले की तरह पशु औुर ग्राहक दोनों ज्यादा संख्या में नहीं दिखे. आपको बता दें कि देश के आजादी के बाद से ही रामनवमी पशु मेला का आयोजन होता आ रहा है. लाखों की संख्या में रामनवमी पशु मेले में पशुओं की खरीदारी और बिक्री की जाती रही है. कोरोना महामारी के बाद लगने वाले रामनवमी पशु मेला सीमित होकर रह गया है.