सीतामढ़ी: जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर होने वाले अन्नप्राशन और गोद भराई की रस्म अब लाभार्थियों के घर जाकर पूरी कराई जा रही है. कोरोना संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन के बाद से जिले के सभी 3260 आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद कर दिया गया है, जिस कारण सेविका और सहायिका अपने पोषक क्षेत्र के घरों में जाकर 6 महीना पूरा करने वाले बच्चों को अन्नप्राशन और गर्भवती महिलाओं की गोद भराई की रस्म पूरा कर रही हैं.
सीतामढ़ी: लॉकडाउन में घर-घर जाकर अन्नप्राशन और गोद भराई करा रहीं हैं सेविकाएं
अन्नप्राशन के समय 6 माह पूरा करने वाले बच्चों को प्रथम आहार के रूप में खीर और हलवा खिलाया जाता है. इसके बाद से बच्चे को मुलायम आहार जैसे चावल, दाल, अंडा, फल आदि खिलाने का काम शुरू कर दिया जाता है, ताकि बच्चा कुपोषण का शिकार न हो.
इसके साथ ही चेक के माध्यम से पोषाहार की राशि सभी नामांकित बच्चों और लाभार्थियों के अभिभावकों को दी जा रही है. सेविका संघ की प्रखंड अध्यक्ष सेविका चंचला वर्मा ने बताया कि जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्रत्येक माह की 19 तारीख को 6 माह पूरा करने वाले बच्चे को अन्नप्राशन और प्रत्येक माह की 7 तारीख को गर्भवती महिलाओं की गोद भराई का रस्म होता था, लेकिन लॉकडाउन के कारण यह काम केंद्रों पर बंद कर दिया गया है.
लॉकडाउन के कारण घर-घर जाकर रस्म पूरी की जा रही है
अब बच्चों और गर्भवती महिलाओं के घर जाकर दोनों रस्मों को पूरा किया जा रहा है. चंचल वर्मा ने बताया कि जब तक नये निर्देश नहीं मिलते तब तक इसी प्रक्रिया के तहत लाभार्थियों को घर पर सुविधा मुहैया कराई जायेगी. अन्नप्राशन के समय 6 माह पूरा करने वाले बच्चों को प्रथम आहार के रूप में खीर और हलवा खिलाया जाता है. इसके बाद से बच्चे को मुलायम आहार जैसे चावल, दाल, अंडा, फल आदि खिलाने का काम शुरू कर दिया जाता है, ताकि बच्चा कुपोषण का शिकार न हो. इसके साथ ही प्रतिमाह बच्चे का वजन कराया जाता है ताकि उसके वेट के संबंध में जानकारी मिल पाये.