सीतामढ़ी: जिले के मारर गांव के पांच किसान पिछले 4 दिनों से मारर दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति के भवन में आमरण अनशन पर बैठे हुए है, जिस कारण अनशन पर बैठे सभी किसानों की तबीयत भी बिगड़ने लगी है, लेकिन वहीं, किसानों की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द उनके मुआवजे का भुगतान करें, उन्होंने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो हम ऐसे ही बिना खाये पीये अनशन पर बैठे रहेंगे.
8 सालों से नही हुआ किसानों के मुआवजे का भुगतान
आपको बता दें कि मारर गांव के समीप वर्ष 2012 में बागमती नदी पर 600 मीटर लंबे पुल का निर्माण प्रारंभ किया गया था, जो वर्ष 2017 में बनकर तैयार हो गया था. वहीं, पुल का संपर्क पथ बनाने के लिए जिला प्रशासन और बिहार राज्य पुल निर्माण निगम ने मारर गांव के 45 किसानों और शिवहर जिले के तरियानी छपरा गांव के कई किसानों की करीब 14 एकड़ जमीन अधिग्रहण कि थी और उस जमीन के मुआवजे का भुगतान जल्द से जल्द करने का आश्वासन भी किसानों को दिया था, लेकिन 8 वर्ष बीत जाने के बाद भी इन किसानों के मुआवजे का भुगतान नहीं किया जा सका है. जबकि, किसान मुआवजे की राशि लेने के लिए बरसों से जिला भू अर्जन कार्यालय और अंचल कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं.
पुल निर्माण निगम के अधिकारी ने दी जानकारी
इस संबंध में बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के अभियंता राजेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि मारन और तरियानी छपरा गांव के किसानों की जमीन संपर्क पद के लिए ली गयी थी, लेकिन जिला भू अर्जन कार्यालय द्वारा किसानों की जमनी का एलपीसी और वैल्यूएशन पत्र समय से उपलब्ध नहीं कराया गया है, जिस कारण किसानों की जमीन की रजिस्ट्री भी नहीं हो पाई है, इसलिए किसानों के मुआवजे का भुगतान समय पर नहीं किया जा सका है