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शेखपुरा: एंटी कोरोना वैक्सीन के भंडारण की प्रक्रिया तेज, बनाये गए 9 कोल्ड चेन - शेखपुरा में कोविशील्ड वैक्सीन

शेखपुरा में नए साल की शुरुआत में ही एंटी कोरोना वैक्सीन पहुंचने की संभावना है. टीकों का भंडारण और वितरण कैसे करना है इसे लेकर डाटाबेस तैयार किया जा रहा है. साथ ही स्थानीय स्तर पर तैयारियां भी शुरू हो गई है.

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Published : Dec 9, 2020, 1:50 PM IST

शेखपुरा: कोरोना महामारी का दूसरा दौर शुरू हो गया हैं. जिलेवासी एंटी कोरोना वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. जो बहुत हद तक संभव भी दिख रहा है. पहले चरण में टीका किसे देना है इसकी लिस्टिंग तैयार की जा रही है. जिसमें सभी सरकारी व निजी चिकित्सा संस्थान में कार्यरत कर्मियों की सूची बनाई गई है. वहीं वैक्सीन आने के बाद असल चुनौती है इसके भंडारण और वितरण की.

सामान्य फ्रिज में पांच दिन तक ही सुरक्षित रह सकता है कोविड वैक्सीन
अब तक आई रिपोर्ट के अनुसार फाईजर कोरोना की वैक्सीन सामान्य फ्रीजर में करीब 5 दिन तक ही ठीक रहती है. अगर लंबे समय तक स्टोर करना हो तो इसे माईनस 70 डिग्री का तापमान चाहिए. मॉडर्ना वैक्सीन 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान में 30 दिन तक सुरक्षित रह सकती है. अगर इसे छह महीने तक रखना हो तो माईनस 20 डिग्री तापमान करना होगा. हालांकि सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड वैक्सीन भी 2 से 8 डिग्री सेल्सियत तापमान पर सुरक्षित रह सकेगी. ऐसे में अगर मॉडर्ना या सीरम की वैक्सीन शेखपुरा आती है तो इसके लिए सदर अस्पताल का डीवीएस सिस्टम तैयार है.

प्रखंड स्तरीय अस्पतालों में कोल्ड चेन
कोरोना वैक्सीन के रखरखाव को लेकर प्रखंड स्तरीय अस्पतालों में कोल्ड चेन की भी व्यवस्था है. इस बाबत स्वास्थ विभाग के डीपीएम श्याम कुमार निर्मल ने बताया कि जिले के सदर अस्पताल, रेफरल अस्पताल के साथ-साथ सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कोल्ड चेन की व्यवस्था उपलब्ध है, जबकि सदर अस्पताल में 4 से 5 हजार तक के वैक्सीन डोज भंडारण की क्षमता है. अभी जो वैक्सीन हैं इसे संरक्षित करने के पूरे इंतजाम हैं लेकिन दिक्कत यह है कि जहां वैक्सीन रखे गए हैं वहां कोई दूसरा वैक्सीन रखा नहीं जा सकता.

प्रथम चरण के लिए 19 सौ कर्मियों का डाटाबेस तैयार
डीपीएम श्याम कुमार निर्मल ने कहा कि टीकाकरण के प्रथम चरण में सभी सरकारी व निजी चिकित्सा संस्थान में कार्यरत कर्मियों को कोरोना का टीका लगाया जायेगा. इसके लिये स्वास्थ्य कर्मियों सहित अन्य कर्मियों का डेटाबेस तैयार करने की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है. प्रथम चरण में टीकाकरण के लिये अब तक तैयार डेटाबेस में लगभग 19 सौ लोग शामिल हैं. इसमें सरकारी चिकित्सा संस्थान में कार्यरत कर्मियों की संख्या 1460 है. तो 440 निजी चिकित्सा संस्थान कर्मियों का नाम फिलहाल प्रथम चरण में टीकाकरण के लिये प्राप्त हुआ है.

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