शेखपुरा: बिहार के शेखपुरा जिले के विभिन्न स्थानों पर दुर्गा पूजा (Durga Puja) को लेकर अब भी वर्षो पुरानी परंपरा कायम है. सदर प्रखंड के मेहुस गांव (Mahas Village in sheikhpupra) में जातीय भेदभाव मिटाने और आपसी सामंजस्य को बढ़ाने को लेकर नवमी के दिन दो जातियों के बीच प्रतीकात्मक युद्ध (Symbolic war) किया जाता है. इस युद्ध में एक जाति के द्वारा रावण की सेना बनाई जाती है जबकि दूसरी जाति के लोग राम की सेना बनते हैं.
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सेना बनाने के बाददोनों जातियों के बीच नवमी के दिन प्रतीकात्मक युद्ध होता है. इस युद्ध में एक समाज के लोग दूसरे समाज के लोगों को मंदिर में प्रवेश करने से रोकते हैं. दोनों सेना में युद्ध होता है और एक समाज के लोग इसमें हार जाते हैं फिर दूसरे समाज के लोग मंदिर में प्रवेश करते हैं. जिसके बाद सभी तरह की पूजा गांव में शुरू की जाती है.
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इस संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि यह परंपरा पिछले 100 साल से से चली आ रही है. आज भी ग्रामीणों के द्वारा पालन किया जा रहा है. राम और रावण के युद्ध के बहाने एक समाज को सम्मान देने और भेदभाव मिटाने को लेकर यह परंपरा निभाई जाती है. दूसरे समाज के लोग पहले मंदिर में प्रवेश करते हैं. तभी मंदिर में किसी प्रकार की पूजा पाठ शुरू होती है. दूसरे जाति के मंदिर में प्रवेश की रोक को लेकर देश दुनिया में कई चर्चाएं है. परंतु यहां माता महेश्वरी के मंदिर में पहले दूसरे जाति के ही लोग प्रवेश करते हैं.