शेखपुरा: बिहार के शेखपुरा जिले में हर साल बाढ़ (Flood in Sheikhpura) की त्रासदी से जूझने वाले घाटकुसुम्भा प्रखंड (Ghatkusumbha Block) के लोगों को सरकार (Government) से किसी तरह का लाभ नहीं मिलता है. जिससे, आक्रोशित बाढ़ पीड़ितों (Flood Victims) ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष (National President of JDU) ललन सिंह (Lalan Singh) को एक ज्ञापन (Memorandum) सौंपा है. लोगों ने घाटकुसुम्भा प्रखंड को बाढ़ग्रस्त क्षेत्र (Flood Area) घोषित करने की मांग की है.
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दरअसल, सांसद ललन सिंह, लखीसराय जिले के बड़हिया प्रखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने आये थे. जहां, लखीसराय के बालगुदर से नाव पर सवार होकर हरोहर नदी के रास्ते ऐजनीघाट पहुंचे. बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात कर, हर संभव मदद का भरोसा दिया. उसके बाद, घाटकुसुम्भा प्रखंड के मुरबरीया गांव के पास से सड़क मार्ग से घाटकुसुम्भा के रास्ते पाली गांव गये और फिर सहरा बटौरा के रास्ते पटना चले गए.
घाटकुसुम्भा गांव के पास जदयू कार्यकर्ता व सैकड़ों ग्रामीणों ने सांसद ललन सिंह से घाटकुसुम्भा प्रखंड को बाढ़ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग की. उन्होंने, लोगों की बातों को सुना और आश्वासन देते हुए कहा कि ठीक है, इस पर विचार किया जाएगा. ग्रामीणों ने घाटकुसुम्भा प्रखंड के लोगों से भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पड़ोसी जिला लखीसराय के बड़हिया प्रखंड को बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में शामिल किया गया है. जबकि, जानबूझकर घाटकुसुम्भा प्रखंड को जलजमाव वाले क्षेत्र में रखा गया है.
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ग्रामीणों ने कहा कि पिछले चार दिन पहले भी सांसद ललन सिंह से मिले थे और उन्हें एक ज्ञापन देकर अपनी मांग रखी थी. और बताया था कि सरकार द्वारा घाटकुसुम्भा प्रखंड को जल जमाव क्षेत्र घोषित कर दिया गया है. इस वजह से वहां के लोगों को बाढ़ में सहायता, सहयोग नहीं मिलता है. जिससे वहां के लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. वहीं, शुक्रवार को सौंपे गये ज्ञापन में बताया गया है कि लखीसराय जिले का बड़हिया टाल क्षेत्र और घाटकुसुम्भा प्रखंड क्षेत्र मिलता-जुलता क्षेत्र है.
बता दें कि लखीसराय के बड़हिया टाल क्षेत्र को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित किया गया है. जबकि, शेखपुरा जिला के घाटकुसुम्भा प्रखंड क्षेत्र को जलजमाव का क्षेत्र घोषित किया गया है. बड़हिया को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र होने के कारण लोगों को फायदा मिलता है. परंतु, घाटकुसुम्भा जलजमाव क्षेत्र होने के कारण सरकार के द्वारा कोई लाभ नहीं मिलता है. ग्रामीणों का कहना है कि, घाटकुसुम्भा प्रखंड वासियों के साथ जिला प्रशासन व सरकार सौतेला व्यवहार कर रहा है. जिसको, लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश है.
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बताते चलें कि बिहार के शेखपुर जिले में हरोहर नदी (Harohar River) के जलस्तर में कमी होने के बावदूद, घाट कुसुम्भा (Ghat Kusumbha) में बाढ़ (Flood) के हालात जस के तस बने हुए हैं. बाढ़ में दर्जनों फूस के घर (Thatched Houses) ध्वस्त हो चुके हैं. पीड़ित, पानी से भरे घरों के सामानों की सुरक्षा के लिए, खाट पर, चौकी पर, मचान आदि पर शरण लिए हुए हैं. वहीं, बाढ़ से दर्जनों गांव टापू बने हैं. सड़क किनारे एवं उंचे स्थानों पर शरण लेने वालों की भी जिंदगी बदतर बन गई है.
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