शेखपुरा:जिले के सदर अस्पताल से बच्चा चोरी की घटना के 48 घंटे से अधिक बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. वहीं, इस मामले में एसपी दयाशंकर ने नवजात की बरामदगी के लिए एसडीपीओ की अगुवाई में एसआईटी का गठन किया गया है. एसआईटी में पुलिस की 3 अलग-अलग टीमें काम कर रही है. एक टीम का नेतृत्व सदर थाना अध्यक्ष कर रहे हैं, तो दूसरी टीम की अगुवाई सर्किल इंस्पेक्टर कर रहे हैं. इसके अलावा साइबर सेल की टीम भी घटना के समय सदर अस्पताल में एक्टिव मोबाइल नंबरों को खंगाल रही है.
एसपी ने बताया कि पुलिस जल्द ही नवजात को बरामद कर बच्चा चोरी में शामिल सभी लोगों को गिरफ्तार कर लेगी. वहीं, नवजात पुत्र के खो जाने से चेवाड़ा प्रखंड के चकंदरा गांव की मुस्कान देवी का रो-रो कर बुरा हाल है, जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है, मां को अपने बेटे के मिलने की आस भी डूबती जा रही है. पीड़ित मां का एक ही आरोप है कि उसका बच्चा गायब कराने में अस्पताल के कर्मियों की भूमिका है.
बच्चा चोरी में मां की गलती-डीएस
बच्चा चोरी के इस मामले में संदेह के घेरे में चल रहे सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. बीरेंद्र कुमार ने बेतूका बयान दिया है. डीएस ने कहा कि सबसे बड़ी गलती बच्चे की मां की है. वहीं, थानाध्यक्ष ने कहा कि घटना के समय सदर अस्पताल का सीसीटीवी बंद पाया जाना, बच्चा चोरी के इस मामले का सबसे बड़ा लोचा है. जबकि सीसीटीवी का मॉनिटर और पूरा ऑपरेट सिस्टम डीएस के चैंबर में ही है. थानाध्यक्ष ने कहा कि पूछताछ में सीसीटीवी बंद रहने के संबंध में डीएस कुछ भी नही बता पा रहे है. जबकि, सदर अस्पताल की पूरी जवाबदेही डीएस के कंधों पर है.