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पंचायत में फैले भ्रष्टाचार मिटाने में नाकाम मुखिया ने चुनाव लड़ने से किया इंकार - mukhiya Vijay Kumar Singh

शेखपुरा में पंचायत चुनाव को लेकर अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. जिले के सदर प्रखंड कके महसार पंचायत के वर्तमान मुखिया ने इस बार चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. पढ़ें पूरी खबर.

महसार पंचायत के मुखिया विजय कुमार सिंह
महसार पंचायत के मुखिया विजय कुमार सिंह

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Published : Sep 27, 2021, 8:02 AM IST

शेखपुरा:बिहार के शेखपुरा (sheikhpura) जिले के सदर प्रखंड के महसार पंचायत (Mahsar Panchayat) में फैले व्याप्त भ्रष्टाचार को रोकने में नाकाम रहे मुखिया विजय कुमार सिंह ने इस बार चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. मुखिया विजय कुमार के चुनाव नहीं लड़ने के फैसले के बाद उनके समर्थकों में निराशा व्याप्त है. अगर महसार पंचायत की बात करें तो इस पंचायत की आबादी लगभग 16 हजार है. जिसमें 6500 वोटर हैं.

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साल 2016 के चुनाव में वर्तमान मुखिया विजय कुमार ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी नूतन कुमारी को हराकर चुनाव जीता था. इस पंचायत के अंतर्गत सिरारी, जयमंगला, ओठमा, महसार, मदारी सहित कुल पांच गांव है. अगर जातिगत समीकरण देखा जाये तो यह पंचायत भूमिहार बहुल क्षेत्र है. इसके अलावा यादव, कानू सहित अतिपिछड़ों की संख्या भी बहुतायत है. सामाजिक समीकरण के अनुसार पंचायत में वर्तमान मुखिया विजय सिंह सब पर भारी नजर आते हैं और मुखिया जैसे मलाईदार पद को इतनी आसानी से छोड़ देना आश्चर्यजनक है.

हालांकि मुखिया के कथनानुसार, इस पंचायत में जल नल और गली नली जैसे सात निश्चय योजनाओं का बुरा हाल है. जो धरातल पर साफ नजर आता है. महसार पंचायत में पंचायत द्वारा दो बोरिंग करवाकर जल नल योजना के तहत ग्रामीणों के घर तक पेयजल की आपूर्ति की जा रही है. जबकि पीएचईडी द्वारा नौ वार्डों में जल नल के तहत बोरिंग किये गए और ग्रामीणों के घर तक पाइप बिछाकर जलापूर्ति की गई. लेकिन ये योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी. वर्तमान में सभी नौ बोरिंग से जलापूर्ति बन्द है. जिससे ग्रामीणों को पेयजल हेतु इधर उधर भटकना पड़ रहा है.

करोड़ों रुपये की लागत से बना महसार में पंचायत भवन भी बेकार पड़ा हुआ है. लापरवाही का आलम ये है कि सारी सुविधाओं के बावजूद कोई पंचायत स्तरीय कर्मचारी पंचायत भवन नहीं आते हैं. जिस उद्देश्य से पंचायत भवन बनाया गया, वो कभी पूरा ही नहीं हुआ. जिसकी वजह से आज भी छोटे-छोटे कार्यों के लिए ग्रामीणों को परेशानी झेलते हुए 12 किलोमीटर दूर प्रखंड मुख्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं.

जानकारी के मुताबिक विजय कुमार सिंह पहली बार 2001 में मुखिया बने थे. वहीं, 2006 उनकी पत्नी दुर्गेश नन्दनी महसार की मुखिया बनीं. उस दौरान पंचायत में विकास की बयार चल पड़ी थी लेकिन 2009 में मुखिया दुर्गेश नन्दनी का चयन सरकारी नौकरी में हो गया. जिसके बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया. उसके बाद से ही महसार पंचायत में भ्रष्टाचार का दौर चल पड़ा.

मुखिया ने बताया कि साल 2016 में जब मैं चुनाव जीतकर पुन:मुखिया बना तो मेरी कोशिश थी कि पंचायत के जनकल्याण योजनाओं का लाभ हर ग्रामीण को मिले, लेकिन नहीं मिला. उन्होंने कहा कि गत चुनाव में मुखिया के पावर को भी कम कर देने से पंचायत में भ्रष्टाचार अपने चरम पर पहुंच गया. मुखिया का पावर कम होने से इसकी जवाबदेही भी खत्म हो जाती है.

विजय कुमार सिंह ने कहा कि 2016 में मुखिया चुनाव जीतने के बाद पंचायत में फैले भ्रष्टाचार को रोकने का प्रयास किया लेकिन मैं उसमें नाकाम रहा. इसलिए मैं मुखिया का चुनाव नहीं लडूंगा. उन्होंने कहा कि जीविका दीदी द्वारा दो-दो हजार रुपये लेकर फर्जी राशन कार्ड बनवा दिया गया है. जिसकी जांच होनी चाहिए. वहीं पीएम आवास योजना में भी कार्यपालक सहायक द्वारा लाभुकों से अवैध तरीके से राशि की वसूली की जा रही है और जैसे तैसे करके आवास दिया गया है.

पंचायत में सामाजिक सर्वेक्षण का कार्य भी पारदर्शी तरीके से नहीं हुआ और 100 से ज्यादा युवा भी वृद्धा पेंशन का लाभ उठा रहे है. बाढ़ से महसार पंचायत पूरी तरह से अछूता है लेकिन अधिकारी इस आपदा को भी अवसर बनाने में लगे रहे. वहीं पंचायत के लोग भी पीछे नही थे. भ्रष्टाचार के लिए अधिकारी से लेकर ग्रामीण तक जिम्मेदार हैं. ओठमा और महसार में आंगनबाड़ी केंद्र के भवन का निर्माण किया गया. जिसमें योजना कि सारी राशि की निकासी हो गयी है लेकिन निर्माण कार्य अभी तक अधूरा है.

वर्तमान ये दोनों आंगनबाड़ी केंद्र सामुदायिक भवन से ही संचालित हो रहे हैं. मुखिया ने कहा कि मैंने आंगनबाड़ी को लेकर अधिकारियों को आगाह किया लेकिन इसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई. उन्होंने कहा कि इससे साफ पता चलता है कि भ्रष्टाचार की जड़ ऊपर से नीचे तक फैली हुई है. मैं जिस उद्देश्य को लेकर मुखिया बना, अगर मैं उस पर खरा नहीं उतर पाया तो दुबारा चुनाव लड़ने का कोई फायदा नहीं है इसलिए मैंने आगामी चुनाव में मुखिया की उम्मीदवारी छोड़ने की घोषणा कर दी है.

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