शेखपुरा : जैसे-जैसे मौसम में परिवर्तन हो रहा है. वैसे-वैसे खेती का ट्रेंड भी बदलता जा रहा है. जहां ठंड के मौसम में गेहूं की पैदावार काफी होती थी. उसके उलट अब किसान सब्जियों की पैदावार करने में जुटे हुए हैं. शेखपुरा सदर प्रखंड के लगभग एक दर्जन से ज्यादा गांव ऐसे हैं. जहां बड़े पैमाने परमिर्च की खेती होती है. धीरे-धीरे इसका ट्रेंड और गांवों में बढ़ता जा रहा है.
मिर्च की हो रही बंपर पैदावार : किसान मिर्च की खेती कर बंपर पैदावार कर रहे हैं. इस कारण किसानों की आमदनी भी बढ़ रही है. हालांकि, इन किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इस वजह से किसानों में थोड़ी मायूसी है. ईटीवी भारत की टीम ने किसानों से बात की और उनके समस्याओं को जानने उनके खेतों तक पहुंचे. सदर प्रखंड के बिहटा गांव के निवासी किसान रामाश्रय यादव ने बताया कि मात्र बिहटा गांव में ही 40 बीघा में मिर्च की खेती की जाती है.
"मिर्च के अलावा कुछ अन्य किसान गोभी, बैगन, मूली सहित अन्य सब्जियों की पैदावार कर रहे हैं. इसमें मिर्च खासतौर पर अपनी पकड़ बनाए हुए है. उन्होंने कहा कि सही से पटवन की जाए और खाद अच्छी मात्रा में दी जाए तो एक माह में दो बार मिर्च को तोड़कर बाजार में बेच देते हैं."-रामाश्रय यादव, किसान
बिहार के कई जिलों में पहुंचती है यहां की मिर्च :रामाशंकर यादव ने बताया कि अक्टूबर से लेकर मार्च तक मिर्च की अच्छी खेती क्षेत्र में होती है. एक कट्ठा में लगभग 40 किलो के आसपास उत्पादन होता है. हालांकि, शेखपुरा बाजार में उन्हें पैदावार की सही कीमत नहीं मिल पाती है. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा उन्हें कोई भी सहायता नहीं मिल पाती है.
औने-पौने दाम पर बिकती है मिर्च : किसानों ने बताया कि यहां की मिर्च शेखपुरा जिले के अलावा जमुई, मोकामा, बाढ़, बख्तियारपुर, दलसिंहसराय, समस्तीपुर, दरभंगा, नवादा एवं झारखंड तथा बंगाल के कुछ जिलों में पहुंचती है. अगर क्षेत्र में आसपास मिर्च पाउडर बनाने की कंपनी होती तो किसानों को इसका बड़ा व्यापक फायदा होता. अच्छा बाजार नहीं होने के कारण उन्हें औने पौने दाम में अपने मिर्च को बेचना पड़ता है.