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शिवहर में धूमधाम से मनायी गयी सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती

सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (Sardar Vallabhbhai Patel Birth Anniversary) देश भर में राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) के तौर मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में शिवहर जिला में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. पढ़ें पूरी खबर...

शिवहर में सरदार पटेल की जयंती मनायी गयी
शिवहर में सरदार पटेल की जयंती मनायी गयी

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Published : Oct 31, 2022, 10:26 PM IST

शिवहर:बिहार के शिवहर मेंसरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया गया. इस अवसर पर जीरो माइल चौक पर कार्यक्रम का आयोजित (Sardar Patel Birth Anniversary Celebrated) किया गया. जिसमें जिला पदाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता, पुलिस अधीक्षक अनंत कुमार राय, एडीएम कृष्ण मोहन सिंह, एसडीएम मोहम्मद इश्तियाक अली अंसारी सहित अन्य पदाधिकारी-अधिकारी शामिल हुए और सरदार वल्लभ भाई पटेल के फोटो पर माल्यार्पण करते हुए नमन किया.

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"राजनीतिक एकीकरण में प्रमुख भूमिका": डीएम मुकुल कुमार गुप्ता ने बताया कि देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री व गृहमंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 147 वीं जयंती (Iron Man Vallabhbhai Patel) मनाई गई है. राष्ट्रीय एकता दिवस प्रतिवर्ष 31 अक्टूबर को भारत में मनाया जाता है. इस दिवस को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को चिन्हित करने के लिए मनाया जाता है, जिनकी भारत के राजनीतिक एकीकरण में प्रमुख भूमिका थी. इस दिन की शुरुआत भारत सरकार ने सन 2014 में की थी.

"आजादी दिलाने में उनकी अहम भूमिका": पुलिस अधीक्षक ने उनके जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने हिंदुस्तान को आजादी मिलने के बाद पूरे राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. जबकि कार्यक्रम के संयोजक हरिद्वार राय पटेल ने बताया है कि ‌देश की स्थानीय शक्तियों से जिस प्रकार सरदार बल्लभ भाई पटेल निपटते थे, वैसा सामर्थ्य किसी भी अन्य नेता में नहीं था. सरदार पटेल एक यथार्थवादी व्यक्तित्व थे.

जदयू के मुख्य प्रवक्ता विजय विकास ने बताया है कि पटेल ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में और 560 रियासतों से भारत के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उनके राष्ट्र को एकजुट करने के प्रयासों को स्वीकार करने के लिए राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है. वे भारत की इतिहास में सबसे बड़े किसान आंदोलन में से एक बारदौली किसान सत्याग्रह के नायक थे.

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