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प्रशांत किशोर का आरोप, सीएम नीतीश कुमार ने बिहार में शराब माफियाओं को पैदा किया

प्रशांत किशोर ने जनसुराज यात्रा (Prasant Kishore On Jan Suraj Padyatra) के दौरान शिवहर में कहा कि कागजों पर शराबबंदी से बिहार को 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. इतना पैसा उन शराब माफियाओं के पास जा रहा है, जिन्हें सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने पैदा किया है. इन सब पैसों को पुलिस वाले भी लूट कर घर ले जा रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर

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Published : Dec 18, 2022, 8:35 PM IST

रणनीतिकार प्रशांत किशोर

शिवहरः जन सुराज पदयात्रा के 78वें दिन पुरनहिया प्रखंड के कोल्हूआ ठिकहा पंचायत पहुंचा. प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ एसएस हाईस्कूल से निकल कर बराही जगदीश, अदौरी, बखार चण्डिहा, बसंत जगजीवन, बसंतपट्टी से वापस कोल्हूआ ठिकहा पंचायत के एस एस स्कूल स्कूल में रात्रि विश्राम के लिए पहुंचें. यात्रा के दौरान जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोन ने बिहार में शराब हो रही मौतों (Prashant Kishor Statement on Bihar Liquor Policy) पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार में शराब माफियाओं को पैदा किया है.

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"जहरीली शराब से अकारण 70 से 80 लोग जो मरे हैं, उसमें नीतीश कुमार दुख भी जाहिर नहीं कर रहे हैं. पूरी दुनिया में कोई नेता इतना हिम्मत नहीं कर सकता है कि इतने लोगों की मौत हो जाए और राज्य का मुख्यमंत्री हंस कर कहे कि जो पियेगा वो मरेगा. ऐसी असंवेदनशीलता यह दिखाती है कि नीतीश कुमार को जनता का डर खत्म हो गया है."प्रशांत किशोर, संयोजक जन सुराज

शराब की दुकानें बंद कर होम डिलीवरी चालू करायी गईः बराही मोहन गांव में शराबबंदी पर बोलते हुए प्रशांत किशोन कहा कि शराब की दुकान बंद हो गई और होम डिलीवरी चालू है. आज 100 रुपये का शराब 400 रुपये में आपको घर बैठे मिल जाएगा. शराबबंदी जो कागज में लागू है, उसके बंद होने से 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान बिहार का हो रहा है. इतना पैसा उन शराब माफियाओं के पास जा रहा है जिन्हें नीतीश कुमार ने पैदा किया है. इन सब पैसों को पुलिस वाले भी लूट कर घर ले जा रहे हैं.

पंचायतों के लिए स्वरोजगार के मॉडल को सुझायाः स्वरोजगार पर बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के हर पंचायत की योजना देश-विदेश के विशेषज्ञ मिलकर बना रहे हैं. हर पंचायत में पांच सौ से हज़ार लोगों को रोजगार कैसे मिले इसपर काम किया जा रहा है, अगर किसी पंचायत में मछली-पालन हो सकता है तो वहाँ मछली पालन करवाया जाएगा. वैसे ही सब्जी, पशुपालन और भी कई चीजें हैं, जिसे रोजगार के माध्यम से जोड़ा जा सकता है, उसे किया जाएगा. हर योजना को पंचायत के अनुरूप विशेषज्ञों के देख-रेख में बनाया जाएगा. पदयात्रा समाप्त होने के 3 महीने के भीतर अगले 10 साल की जन सुराज की योजना जनता के सामने रखी जाएगी. अगर जनता को यह योजना समझ में आई तो ठीक वरना आप इस योजना को गटर में डाल सकते हैं.

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