शिवहर:14 अगस्त 1947 को देश दो टुकड़ों में विभाजित हुआ था. ऐसे में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस को भाजपा ने काला दिवस के रूप में मनाया. इस अवसर पर विचार संगोष्ठी में बिहार सरकार के पूर्व कानून मंत्री व मोतिहारी विधायक प्रमोद कुमार मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. उन्होंने संगोष्ठी में विभाजन के काले अध्याय को याद किया.
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विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का आयोजन: संगोष्ठी में प्रमोद कुमार ने बताया कि 30 दिसंबर 1906 को मुस्लिम लीग का गठन हुआ था. मुस्लिम लीग अपने जन्म से ही पृथकतावादी नीति को अपनाए हुए था. भारत में लोकतांत्रिक संस्थाओं का विरोध किया गया. वास्तव में मुस्लिम लीग 1937 के चुनाव के बाद से ही सिंध के सामान्य मुसलमान के मन में हिंदू विरोधी उन्माद को बढ़ाया जा रहा था. 1939 में मुस्लिम लीग ने व्यापक दंगे कराए जिसमें 800 से ज्यादा हिंदू मारे गए.
देश दो टुकड़ों में हुआ था विभाजित: उन्होंनेन आगे कहा कि लाहौर में 1940 में मुस्लिम लीग का सम्मेलन हुआ, जिसमें उन्होंने 2 राष्ट्र के सिद्धांत का प्रतिपादन किया. उन्होंने साफ तौर पर यह घोषणा कर दी कि वे साथ साथ रहने की अपेक्षा अलग देश चाहते हैं. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के नींव रखने वाले अहमद खान ने सन 1876 में लिखा था हिंदू मुसलमान कभी मिलकर एक राय नहीं बना सकते. इसमें कांग्रेस की नीतिगत असफलता भी पूर्ण रूप से जिम्मेदार है.
"देश खंडित करने में कम्युनिस्ट पार्टी और मुस्लिम लीग का गठजोड़ भी आग में घी डालने का कार्य किया. देश के विभाजन का कम्युनिस्ट पार्टी ने समर्थन किया. अंततोगत्वा देश के विभाजन की त्रासदी के शिकार लाखों परिवार हुए लाखों लोगों की हत्या हुई. इसके लिए नेहरू ही जिम्मेदार थे. हमें विभाजन की त्रासदी को हमेशा याद करते हुए भारत की एकता एवं अखंडता के लिए कार्य करते रहना होगा."- प्रमोद कुमार,पूर्व कानून मंत्री, बिहार
काला दिवस के रूप में मनाया गया दिवस: इस कार्यक्रम के साथ ही भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर शहर में तिरंगा लेकर मौन जुलूस निकाला. इसकी अध्यक्षता जिला अध्यक्ष नीरज सिंह के द्वारा किया गया. पूर्व विधायक लोकसभा संयोजक प्रदेश कार्यसमिति सदस्य ठाकुर रत्नाकर राणा, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य योगेंद्र प्रसाद गुप्ता, पूर्व जिला अध्यक्ष संजीव कुमार पांडे, जिला उपाध्यक्ष रामकृपाल शर्मा, अंजली देवी, डॉ नूतन सिंह, जिला महामंत्री कार्यक्रम संयोजक विनय कुमार सिंह समेत कई गणमान्य लोगों ने अपने अपने विचार व्यक्त किए.