छपरा (सारण): उत्तराखंड के सिलक्यारा टनल में फंसे 41 कामगारों को मंगलवार की रात सकुशल बाहर निकाल लिया गया. इसमें इसके बाद उन मजदूरों के घर में खुशी का माहौल है, जो इस टनल में फंसे थे. बिहार के विभिन्न जिलों के पांच मजदूर भी इस टनल में फंसे थे. सारण जिले के एकमा प्रखंड के देवपुरा पंचायत अंतर्गत खजुवान गांव का सोनू कुमार भी इनमें एक है.
प्रधानमंत्री को धन्यवाद दियाः सोनू के टनल से सकुशल बाहर निकलने के बाद उनके परिजन काफी खुश हैं. अब परिजन उसकी एक झलक पाने को बेताब है. बताया गया है कि 48 घंटे के अंदर सोनू अपने गांव पहुंच जाएगा. परिजनों ने कहा कि सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि सोनू पूरी तरह से सुरक्षित है. सोनू के पिता सावलिया साह ने बताया कि बेटा पूरी तरह से स्वस्थ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर सभी मजदूरों से बात कर उनका हाल जाना, यह क्षण काफी अभिभूत करने वाला था. उन्होंने मोदी जी को धन्यवाद दिया.
"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक-एक गतिविधि पर पूरी तरह से नजर बनाये हुए थे. उनके ऑब्जरवेशन से ही सभी 41 कामगार सुरक्षित बाहर निकले हैं."- सावलिया साह, सोनू के पिता
बिहार सरकार के प्रति आक्रोशः सोनू के परिजनों में इस बात का गुस्सा है कि अभी बिहार सरकार का कोई भी अधिकारी या जन प्रतिनिधि उनलोगों की सुध लेने अभी तक नहीं आया है. उन्होंने कहा कि उनका बेटा इस मुसीबत में टनल के अंदर थे लेकिन बिहार सरकार को इस बात की सुधि नहीं ली. सोनू के भाई ने कहा कि बिहार के पांच मजदूर फंसे थे लेकिन, सरकार कोई सुध नहीं ली. उसने बताया कि झारखंड सरकार ने तीन दिन बाद ही अपना एक प्रतिनिधि उत्तराखंड भेजा था लेकिन बिहार सरकार हमलोगों का हालचाल लेने भी नहीं पहुंची.