सारण: बिहार के छपरा में जहरीली शराब से मौत (Death Due to Bihar Hooch Tragedy) के बाद महिलाओं ने अमनौर थाने का घेराव कर दिया. आरोप है कि उनके गांव में खुलेआम शराब बिक रही है. अगर पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी ठीक ढंग से निभाई होती तो आज ये मौतें न होतीं. बता दें कि सारण में जहरीली शराब से मौतों का आंकड़ा 40 के पार पहुंच गया है. सबसे ज्यादा मौत मढ़ौरा अनुमंडल में हुई हैं. महिलाओं का आरोप है कि 6 लोगों की मौत के बाद भी पुलिस हाथ पर हाथ रखकर बैठी हुई है. हुसेपुर के सीरिसिया गांव में जहरीली शराब पीने से भी एक और व्यक्ति की मौत हो गई है.
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'हम तो पुलिस से पूछेंगे कि दारू कैसे मिला': प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने कहा कि जब उनके परिजन की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है तो हम शव को छुपाकर क्यों लेकर जाएं. हम तो सरकार और प्रशासन से पूछेंगे कि शराबबंदी वाले बिहार में उन्हें दारू कैसे मिली. इसलिए हम लोग ये शव लेकर थाने के गेट के पास लेकर बैठे हैं. कोई तो हमें बताए कि मौत की वजह क्या है. पुलिस वाले कहते हैं कि ठंड से उनकी मौत हुई है. जबकि अस्पताल के डॉक्टर बोल रहे थे कि ये दारू पिए हुए हैं. पीने के कुछ ही देर में उनकी मौत भी हो गई.
''आज हमारे चाचा जिंदा होते अगर पुलिस कार्रवाई करती. पुलिस कह रही है कि मौत ठंड से हुई है. ये मौत ठंड से नहीं दारू से हुई है. हम पूछ रहे हैं कि शराब कहां से आई है. बिहार में जब दारू बंद है तो शराब कहां से आई. हम लोग जब तक यहां प्रदर्शन करेंगे जब तक हमें वरिष्ठ अधिकारी आकर जवाब नहीं देते.''-मृतक के परिजन