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Bihar Hooch Tragedy: महिलाओं ने घेरा अमनौर थाना, कहा- 'खुलेआम बिक रही शराब.. नहीं तो बच जाती जान' - Chhapra Poisonous Liquor Case

बिहार के सारण में महिलाओं ने अमनौर थाना का घेराव कर दिया. आक्रोशितों का आरोप है कि गांव में जहरीली शराब से मौत हो रही है, लेकिन पुलिस वाले हाथ पर हाथ धरकर बैठे हैं. अगर पुलिस मुस्तैदी से काम करती तो आज उनके परिजन जिंदा होते.. पढ़ें- Chhapra Hooch Tragedy-

बिहार के छपरा में जहरीली शराब से मौत पर थाने का घेराव
बिहार के छपरा में जहरीली शराब से मौत पर थाने का घेराव

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Published : Dec 15, 2022, 6:42 PM IST

Updated : Dec 15, 2022, 7:12 PM IST

बिहार के छपरा में जहरीली शराब से मौत पर थाने का घेराव

सारण: बिहार के छपरा में जहरीली शराब से मौत (Death Due to Bihar Hooch Tragedy) के बाद महिलाओं ने अमनौर थाने का घेराव कर दिया. आरोप है कि उनके गांव में खुलेआम शराब बिक रही है. अगर पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी ठीक ढंग से निभाई होती तो आज ये मौतें न होतीं. बता दें कि सारण में जहरीली शराब से मौतों का आंकड़ा 40 के पार पहुंच गया है. सबसे ज्यादा मौत मढ़ौरा अनुमंडल में हुई हैं. महिलाओं का आरोप है कि 6 लोगों की मौत के बाद भी पुलिस हाथ पर हाथ रखकर बैठी हुई है. हुसेपुर के सीरिसिया गांव में जहरीली शराब पीने से भी एक और व्यक्ति की मौत हो गई है.

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'हम तो पुलिस से पूछेंगे कि दारू कैसे मिला': प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने कहा कि जब उनके परिजन की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है तो हम शव को छुपाकर क्यों लेकर जाएं. हम तो सरकार और प्रशासन से पूछेंगे कि शराबबंदी वाले बिहार में उन्हें दारू कैसे मिली. इसलिए हम लोग ये शव लेकर थाने के गेट के पास लेकर बैठे हैं. कोई तो हमें बताए कि मौत की वजह क्या है. पुलिस वाले कहते हैं कि ठंड से उनकी मौत हुई है. जबकि अस्पताल के डॉक्टर बोल रहे थे कि ये दारू पिए हुए हैं. पीने के कुछ ही देर में उनकी मौत भी हो गई.

''आज हमारे चाचा जिंदा होते अगर पुलिस कार्रवाई करती. पुलिस कह रही है कि मौत ठंड से हुई है. ये मौत ठंड से नहीं दारू से हुई है. हम पूछ रहे हैं कि शराब कहां से आई है. बिहार में जब दारू बंद है तो शराब कहां से आई. हम लोग जब तक यहां प्रदर्शन करेंगे जब तक हमें वरिष्ठ अधिकारी आकर जवाब नहीं देते.''-मृतक के परिजन

'अगर पुलिस कार्रवाई करती तो आज जिंदा होते चाचा..': अमनौर थाने के गेट पर शव को रखकर महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं. उनकी डिमांड है कि जब तक वरिष्ठ पुलिस अफसर नहीं आएंगे तब तक मृतक के शव को नहीं उठाएंगे. गांव वालों का कहना है कि उनके इलाके में खुलेआम शराब, दारू बिक रही है. पुलिस समय रहते अगर कार्रवाई करती तो आज ये मौतें न होतीं.

'कह देना ठंड से मर गए..': बता दें कि अभी तक पुरूषों ने थाने के गेट पर प्रदर्शन किया था. लेकिन शाम होते-होते महिलाओं ने विरोध की कमान अपने हाथ में ले ली. आक्रोशित महिलाएं अड़ी हुईं हैं कि मौके पर वरिष्ठ अफसर आएं और उनकी बात सुनें. गांव वालोंं ने आरोप लगाया कि पुलिस को फोन करने के बाद भी उन्होंने कोई सुनवाई नहीं की. उल्टा कह रही थी कि कोई पूछे तो कह देना ठंड से मर गया. लाश को जल्दी हटवा दो.

'अमनौर एसएचओ ने की लापरवाही': वहीं स्थानीय निवासी संटू कुमार ने बताया कि उन्होंने 8 बजे डीजीपी को फोन किया तो वहां से पता चला की सारण एसपी पूरे मामले पर कार्रवाई कर रहे हैं. फिर उन्होंने अमनौर थाने के एसएचओ को फोन किया तो उन्होंने लापरवाही पूर्ण बयान दिया और उनका फोन नंबर स्थानीय नेताओं के पास भेज दिया. जहां से उनके मोबाइल पर धमकी आने लगी.

"मैंने सुबह 8 बजे डीजीपी को फोन किया. उन्होंने कहा कि सारण एसपी कार्रवाई कर रहे हैं. फिर हमने अमनौर थाने में फोन लगाया, थानेदार ने कहा कि कह देना ठंड से मर गया. लाश को जल्दी हटवा देना. इसी बीच उन्होंने स्थानीय नेताओं को मेरा नंबर दे दिया. वहां से धमकी आने लगा कि क्यों तुम नेता बन रहे हो"- संटू कुमार, स्थानीय निवासी

Last Updated : Dec 15, 2022, 7:12 PM IST

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