छपरा:बिहार के सारण (Murder In Saran) में सेवानिवृत दारोगा की पत्नी को पड़ोसी द्वारा गला दबाकर निर्मम हत्या (Woman strangled to death in Saran) करने की वारदात सामने आई है. वहीं, महिला की हत्या कर शव को घर के किचन में छुपाकर रख दिया. ग्रामीण द्वारा खोजबीन किए जाने के बाद जब महिला का कोई पता नहीं चला तब इसकी जानकारी पुलिस को दी गई. लेकिन पुलिस ने महिला की खोजबीन के लिए कोई तत्परता नहीं दिखाई. जिससे आक्रोशित होकर ग्रामीणों ने पुलिस को घंटों तक बंदी बनाए रखा. जिसके बाद पड़ोसी के घर से महिला का शव पुलिस ने बरामद किया. पूरा मामला जिले के अमनौर थाना क्षेत्र का है.
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पड़ोसी ने की महिला की हत्या: मृत महिला की पहचान धरहरा पंचायत के शेखपुरा डीह गांव के सेवानिवृत्त दरोगा वीर सिंह की 63 वर्षीय पत्नी आरती देवी बताई जाती है. सोमवार की संध्या में महिला घर के बगल के पड़ोसी महिला के साथ टहलते हुए उसके घर तक गई थी. जहां से महिला के अचानक गायब होने से घर वाले काफी परेशान होने लगे. चारो तरफ खोज बिन शुरू हुआ. परिजनों के साथ पूरा गांव के लोग महिला की खोज में लग गये लेकिन उसके बाद भी महिला को कोई अता-पता नहीं चला.
पड़ोसी के किचन से बरामद हुई लाश:परिजनों ने महिला के गायब होने की सूचना पुलिस को दिया, लेकिन पुलिस ने सक्रियता नहीं दिखाई. जिसके बाद परिजन दूसरे दिन सुबह में थाना पहुंचे और लिखित शिकायत किया. इसके बाद पुलिस एक बजे के करीब घर पर पहुंची और परिजनों के बताए घर की तलासी ली. इधर, पुलिस के आने की भनक मिलते ही आरोपित श्रीकांत सिंह को छोड़कर उनके घर सभी परिजन मौके से फरार हो गए. पुलिस ने घर की तलाशी ली. इस दौरान घर के किचेन में ताला लगा दिखा. जिसपर पुलिस ने गृह स्वामी से ताला तोड़ने को कहा. पहले तो उन्होंने ताला तोड़ने में आनाकानी की. जिसके बाद पुलिस ने खुद से किचेन का ताला तोड़ दिया.
आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस को बनाया बंदी: ताला खुलते ही पुलिस ने देखा कि महिला का शव किचन रूम में पड़ा हुआ था. कमरे में खून चारो तरफ बिखरा हुआ था. शव को देखते ही ग्रामीण आक्रोशित हो गए. वहीं, परिजनों में हहाकार मंच गया. ग्रामीण अपराधियों के घरों को चारों तरफ से घेर लिया और पुलिस समेत उस घर के दरवाजे में ताला मारकर घण्टों तक पुलिस को बंदी बनाये रखा. ग्रामीणों का आरोप था की कल से पुलिस को सूचित किया जा रहा था लेकिन पुलिस ने कोई संज्ञान नहीं लिया. अगर पुलिस उसी समय आ जाती तो यह घटना नहीं होती और सभी अपराधी गिरफ्तार हो जाते. पुलिस के गलत रवैया के विरुद्ध ग्रामीण एसपी को बुलाने की मांग करने लगे. बाद में पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मामले की जांच में जुट गई.
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