सारण: देश में हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है. खेल दिवस के मौके पर बड़े-बड़े शहरों में खिलाड़ी खेल के मैदान में खेलते हुए दिख जाते हैं. लेकिन ग्रामीण इलाकों में आज भी बच्चे बांस- बल्ले के विकेट और बैट बनाकर खेलते हैं. साथ ही साथ खेल में रुचि रखने वाले बच्चे गुल्ली- डंडा, बैट बॉल और गोली खेलते नजर आते हैं.
सारण के सुदूर ग्रामीण इलाकों में इनडोर-आउटडोर स्टेडियम और खेल मैदान देखने तक को नहीं मिलता है. हालांकि ग्रामीण इलाकों में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. खेल की रुचि रखने वाले बच्चे अपने घर और खेतों में खेलते हैं. पहले ग्रामीण इलाकों में कबड्डी और कुश्ती जैसे खेल देखने को मिलती थी. आज भी ग्रामीण इलाकों में खेल के क्षेत्र में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. शहर से 20 किलोमीटर की दूरी पर नगरा प्रखंड के धोबवल गांव की रहने वाली सुहानी का चयन खेलों इंडिया खेल में चयन हुआ है.
'अभिभावकों के पास पैसा नहीं'