सारण:जिले में एक ओर जहां कोरोना महामारी के चलते आम लोगों का रोजी-रोजगार छीना जा चुका है. वहीं दूसरी ओर प्रलय कारी बाढ़ आने से दियारे में बसे सैकड़ों घरों में बाढ़ के पानी घर में घुस गया है, जिस में शामिल बली गांव, परसादी दियारा, बहलालपुर, चकजलालुद्दीन प्रसादी दियारा शामिल है. हलांकि दरियापुर अंचल के तुर्की कोन्हवा गांव बाढ़ की चपेट में हैं.
रविवार को नदी के जलस्तर में हो रही गिरवावट
जिले के सभी झोपड़ी नुमा आशियानें बाढ़ ने अपने गोद में ले लिया है. लोग घर से बेघर होने को मजबूर हो गए हैं . कुछ गरीब झोपड़ी पट्टी में गुजर-बसर करने वाले परिवार ने अपने परिवार और बच्चों के साथ उचें स्थान पर छोटे-छोटे बच्चे को लेकर तिरपाल का तंबू बना कर जिन्दगी गुजार रहे हैं. वहीं प्रसादी दियारा के दर्जनों गांव में आई बाढ़ के बाद 3 दिनों तक काफी त्रासदी के पश्चात रविवार को नदी के जलस्तर में गिरावट हो रही है.
पीने के लिए पानी का हो रहा है किल्लत
ग्रामीणों ने बताया कि पानी का जलस्तर कम हो रहा है, लेकिन परिस्थिति जस की तस बनी हुई है, जो पानी घर के नीचे जलजमाव हुआ है और लोगआज भी कुएं से पानी पीते हैं. अब वह पानी बदबूदार निकल रहा है. पीने में लोगों को डर लग रहा है कि शायद बीमार न पड़ जाएं. इसलिए लोग ऊंचे स्थान से पानी लाकर पी रहे हैं.
सारण: बाढ़ का पानी होने लगा कम, समस्या अभी भी बरकरार - सीओ रामभजन राम
सारण जिले में रविवार से नदी के जलस्तर में गिरावट हो रही है. ग्रामीणों ने बताया कि पानी का जलस्तर कम हो रहा है, लेकिन परिस्थिति जस की तस बनी हुई है. साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि छोटे-छोटे बच्चों को लेकर तिरपाल का तंबू बना कर जिन्दगी गुजारने को मजबूर हैं.
बाढ़ का पानी होने लगा कम, समस्या अभी भी बरकरार.
सरकार के तरफ से हर संभव किया जा रहा है मदद
परसा सीओ रामभजन राम ने बताया कि सरकार के तरफ से लागतार सभी चीजों पर नजर बनाए हुवे हैं. समुदायिक किचन चल रहा है. लोग यहां आकर खाना खा रहे हैं. स्थिति जो पानी की है लगभग 2 से 3 फिट पानी कम हुआ है और जो भी जरूरत पड़ेगी तो सरकार के तरफ से हर संभव मदद किया जाएगा.