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छपरा में छठ पर्व को लेकर घाटों पर विशेष व्यवस्था, पुलिस बल के साथ NDRF की टीम रहेगी तैयार

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Published : Oct 29, 2022, 11:00 PM IST

छपरा में छठ पर्व को लेकर घाटों पर विशेष व्यवस्था की (Special Arrangements At Ghats In Saran) गई है. डीएम, एसपी और स्थानीय विधायक ने घाटों का जायजा लिया है. सभी घाटों पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम भी तैनात रहेगी. जिले के करीब 1300 घाटों पर अर्ध्य दिया जाएगा. इसे जिले के 107 घाटों को खतरनाक श्रेणी में रखा गया है.

छठ घाट का निर्माण अंतिम चरण में
छठ घाट का निर्माण अंतिम चरण में

सारण:बिहार के सारण में लोक आस्था का महापर्व छठ (Chhath Puja) में घाटों की सफाई एवं समतलीकरण को लेकर छपरा विधायक डॉ सी एन गुप्ता ने शहर के सरयू नदी किनारे कई घाटों का निरीक्षण कियाय. उन्होंने सोनारपट्टी घाट, साहेबगंज घाट, रूपगंज घाट, सीढ़ी घाट, रावल टोला घाट, राजेंद्र सरोवर घाट, रिविलगंज घाट, नाथ बाबा घाट समेत अन्य घाटों का भी निरीक्षण किया. साथ ही अधूरे कार्य को यथा शीघ्र पूरा करने को लेकर संबंधित पदाधिकारी को निर्देश दिया. निरीक्षण के दौरान विधायक सीएन गुप्ता ने विभिन्न पूजा समिति के साथ-साथ स्थानीय अधिकारियों को असुरक्षित घाटों की घेराबंदी करने का निर्देश दिया ताकि कोई व्रती गहरे पानी में नहीं जा सके.

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लोक आस्था का महापर्व छठ पर्व :उन्होंने छठ घाटों पर लाइट की व्यवस्था करने को भी कहा. उन्होंने बताया कि इस इलाके में छठ पर्व (Chhath Puja 2022) की काफी मान्यता है. हर घर में पर्व होता है. व्रतियों और श्रद्धालुओं को कठिनाई न हो इसके लिए प्रशासनिक पहल जरूरी है. घाट तक जाने वाले रास्तों को दुरूस्त किया जाना आवश्यक है. वहीं स्थानीय लोगों और स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा छपरा शहर के सभी घाटों पर घाटों के समतलीकरण, साफ-सफाई, लाइटिंग की विशेष व्यवस्था की जा रही है. सुरक्षा के लिहाज से छपरा जिले में 350 मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति हुई है.

छठ घाट का काम पूरा :सभी घाटों पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम भी तैनात रहेगी. जिले के करीब 1300 घाटों पर अर्ध्य दिया जाएगा. इसे जिले के 107 घाटों को खतरनाक श्रेणी में रखा गया है. शहर के 35 घाटों पर उम्मीद से ज्यादा भीड़ जुटती है. इसलिए इन घाटों पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था रखी गई है. शहर के भीड़-भाड़ को कंट्रोल करने के लिए 27 नोडल अधिकारी तैयार रहेंगे. इसके अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था बढ़ते हुए स्टेशनों पर रेल सुरक्षा बल और राजकीय रेल पुलिस के जवान डॉग स्क्वायड के साथ तैनात रहेंगे. जिले के करीब 1300 घाटों पर अर्ध्य दिया जाएगा.

छठ के दूसरे दिन खरना की तैयारी :गौरतलब है किलोक आस्था के महापर्व छठको लेकर बिहार समेत उत्तर भारत में उत्साह का माहौल है. आज इस चार दिवसीय पर्व का दूसरा दिन है. दूसरे दिन को खरना व्रत (Second Day Kharna Of Chhath Puja) के नाम से जाना जाता है. छठ का त्योहार व्रतियां 36 घंटों का निर्जला व्रत रखकर मनाती हैं और खरना से ही व्रतियों का निर्जला व्रत शुरू होता है. छठ पूजा हर साल का​र्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होती है. इस व्रत को छठ पूजा, सूर्य षष्‍ठी पूजा और डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है. इस बार छठ पूजा 28 अक्टूबर को नहाय-खाय शरू हो चुकी है.

क्या है छठ पूजा से जुड़ी पौराणिक कथा? एक पौराणिक कथा के मुताबिक, प्रियव्रत नाम के एक राजा थे. उनकी पत्नी का नाम मालिनी था. दोनों के कोई संतान नहीं थी. इस वजह से दोनों दुःखी रहते थे. एक दिन महर्षि कश्यप ने राजा प्रियव्रत से पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ करने को कहा. महर्षि की आज्ञा मानते हुए राजा ने यज्ञ करवाया, जिसके बाद रानी ने एक सुंदर पुत्र को जन्म दिया. लेकिन दुर्भाग्यवश वह बच्चा मृत पैदा हुआ. इस बात से राजा और दुखी हो गए. उसी दौरान आसमान से एक विमान उतरा जिसमें माता षष्ठी विराजमान थीं. राजा के प्रार्थना करने पर उन्होंने अपना परिचय दिया. उन्होंने बताया कि मैं ब्रह्मा की मानस पुत्री षष्ठी हूं. मैं संसार के सभी लोगों की रक्षा करती हूं और निःसंतानों को संतान प्राप्ति का वरदान देती हूं. तभी देवी ने मृत शिशु को आशीर्वाद देते हुए हाथ लगाया, जिससे वह पुन: जीवित हो गया. देवी की इस कृपा से राजा बेहद खुश हुए और षष्ठी देवी की आराधना की. इसके बाद से ही इस पूजा का प्रसार हो गया.

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