छपरा: विभागीय लापरवाही के कारण जिले में 7 बच्चों की मौत हो गई. जिला प्रशासन और पुलिस इसे महज एक हादसा बता रही है क्योंकि सड़क निर्माण के दौरान किनारों पर मिट्टी कटाई कर सड़क को भरने का काम चल रहा था. लेकिन, इस गड्ढे को भरने के बजाए बीच में ही छोड़ दिया गया. जिसमें बच्चे डूब गए और उनकी जान चली गई.
मामला इसुआपुर थाना क्षेत्र स्थित डोइला गांव का है. जहां तालाबनुमा गड्ढे में 10 बच्चे नहाने के लिए गए. लेकिन, सात बच्चे नहाने के दौरान डूब गए. वहीं, तीन बच्चों को जैसे-तैसे बचाया गया.
क्या था मामला?
जानकारी के अनुसार गांव के दर्जनों बच्चे तालाबनुमा गड्ढे में नहा रहे थे. बरसात के कारण तालाब पूरी तरह से जलमग्न हो गया था. इसी बीच नहाने के क्रम में एक बच्चा डूबने लगा, जिसे बचाने के लिए एक-एक करके कुल 7 बच्चे देखते ही देखते तालाब में डूब गये.
गांव में सनसनी
सूचना आग की तरह पूरे गांव में फैल गई. सूचना मिलते ही स्थानीय थानाध्यक्ष रूपेश कुमार वर्मा दल बल के साथ मौके पर पहुंचे. उन्होंने गोताखोरों को काम पर लगाया. जिसके बाद सातों बच्चों के शव निकाले गए. जिसकी आधिकारिक पुष्टि सारण के पुलिस अधीक्षक हरकिशोर राय ने की. मृत सभी बच्चे एक ही समुदाय और आस-पड़ोस के बताए जा रहे हैं.
मुआवजे का ऐलान
स्थानीय तरैया विधायक मुंद्रिका प्रसाद राय सदर अस्पताल स्थित पोस्टमॉर्टम गृह पहुंचे. जहां उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से आपदा प्रबंधन विभाग सभी मृत बच्चों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवजे देगा. हालांकि, पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है.