सारण: जिले के परसा में सैनिट्री नैपकीन का प्लांट स्थापित किया गया है. महिलाओं को संक्रामक बीमारियों से सुरक्षा के लिये बिहार में इस तरह का पहला प्लांट है. प्लांट के निदेशक डॉ विश्वकर्मा शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित इस महत्वकांक्षी योजना के माध्यम से पर्यावरण सुरक्षा के साथ महिलाओं को संक्रामक बिमारी से बचाने में लिये इस प्लांट द्वार उत्पादित नैपकिन काफी महत्वपूर्ण है.
सारण : परसा प्लांट में बने सैनिट्री नैपकिन का छात्राओं में वितरण, महिलाओं को मिल रहा रोजगार
स्त्री सम्मान योजना के तहत उत्पादित होने वाले नैपकीन बजार में उपलब्ध पैड के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित हैं. बजार में मिलने वाले पैड प्लास्टिक मिक्स होने के कारण मिट्टि में गलनशील नहीं होते.
बिहार के इकलौते इस प्लांट से होने वाले नैपकिन उत्पादन से अप्रत्यक्ष तथा प्रत्यक्ष रूप से महिलाओं को रोजगार के साथ संक्रमाक बिमारियों से सुरक्षा मिल रही है. डॉ शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार की स्त्री सम्मान योजना के तहत मध्य विद्यालय के 150 छात्राओं के बीच नियमित एक वर्ष तक निःशुल्क नैपकीन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. वहीं दर्जनों महिलाएं प्रशिक्षित होकर रोजगार में जुटी हैं.
पर्यावरण सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है नैपकीन
प्लांट के संचालक जितेश कुमार ने बताया कि स्त्री सम्मान योजना के तहत उत्पादित होने वाले नैपकीन बजार में उपलब्ध पैड के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित हैं. उन्होंने बताया कि बजार में मिलने वाले पैड प्लास्टिक मिक्स होने के कारण मिट्टि में गलनशील नहीं होते. महिलाओं को उपयोग में भी दिक्कत होती है. जबकि स्त्री सम्मान के तहत उत्पादित नैपकीन मिट्टी में पड़ते ही डीकंपोज हो जाते हैं. साथ ही मुलायम होने की वजह से महिलाओं को उपयोग करने में काफी सहूलियत होती है. वहीं बाजार की अपेक्षा कम दर पर भी उपलब्ध हैं.