छपरा: बिहार के सारण जिले में शारदीय नवरात्र (Sharadiya Navratri) के महानवमी की पूजा हो रही है. माता सिद्धिदात्री की पूजा (Worship of Siddhidatri) नवमी के दिन होती है. मान्यता के अनुसार जो भी आपकी मनोकामना होती है. वह माता सिद्धिदात्री पूजा पूरा करती है. छपरा की सड़कों पर दुर्गा पूजा मेला (Durga Puja Fair in Saran) देखने वालों की काफी भीड़ उमड़ पड़ी जिससे सड़कों पर भारी भीड़ लग गई.
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ऐसे मेंजिला प्रशासन को और पूजा समितियों को काफी मेहनत करनी पड़ी ताकि सड़क जाम ना हो लेकिन सड़कें पूरी तरह से जाम रही जिसमें जिला प्रशासन के बड़े से बड़े अधिकारी से लेकर एंबुलेंस वाहन भी फंसी रही. गौरतलब है कि पिछले साल कोरोना संक्रमण के चलते दुर्गा पूजा पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी.
इस बार राज्य सरकार ने करोना प्रोटोकॉल के तहत दशहरा घूमने वाले लोगों को इजाजत दी है. लोगों को पूरी तरह से करोना प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. वहीं शहर के सभी प्रमुख चौक-चौराहों पर काफी भीड़-भाड़ लगी है. लोग अपने परिवार के साथ माता के दर्शन करने निकले हुए हैं.
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छपरा शहर के सबसे पुराने कालीबाड़ी में महानवमी के अवसर पर वृहत पूजा का आयोजन किया गया तथा माता की आरती बांग्ला रीति रिवाज के अनुसार ढाकी के थाप पर किया गया. सारण जिला प्रशासन ने सभी पूजा समितियों से आग्रह किया है कि विजयादशमी के दिन अपनी प्रतिमाओं का विसर्जन हर हाल में कर दें. जिला प्रशासन ने सभी पूजा पंडालों के साथ ही कोविड वैक्सीनेशन सेंटर भी बनाया है और लोग यहां भी कोविड का वैक्सीन ले रहे हैं.
बताते चलें कि शारदीय नवरात्र (Sharadiya Navratri) में भक्त मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना करते हैं. नवमी के दिन माता की पूजा (Durga Puja) आराधना करने का अलग ही महत्व है. मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु वर्ष में दो बार 9 दिन की उपासना करते हैं. पहला चैत्र नवरात्र के नाम से जाना जाता है, वहीं दूसरा अश्विन माह में किया जाता है. जिसको शारदीय नवरात्र कहा जाता है.
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इस वर्ष शारदीय नवरात्र की शुरुआत सात अक्टूबर को हुई. वहीं नवरात्र की समाप्ति 15 अक्टूबर को हो रही है. इस बार के शारदीय नवरात्र में मां का आगमन घोड़ा पर हुआ, जबकि उनकी विदायी गज यानि हाथी पर होगी. बता दें कि बहुत सारे भक्त नवमी के दिन कुंवारी कन्याओं को भोजन कराने के बाद अन्न ग्रहण कर लेते हैं.
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