छपराःमो. शहाबुद्दीन की मौत के बाद बिहार विधानसभा के पूर्व उपसभापति और राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष सलीम परवेज ने पार्टी पर गंभीर आरोप लगाया है. इस्तीफा देने के साथ ही उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि अब राजद के साथ चल पाना संभव नहीं रहा. बता दें कि उन्होंने अपने पद और राजद की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है.
यह भी पढ़ें- शहाबुद्दीन की मौत के बाद सलीम परवेज ने छोड़ा तेजस्वी का साथ, कहा- हो न्यायिक जांच
परिवारवालों से नहीं मिले शीर्षस्थ नेता
सलीम परवेज ने कहा, शहाबुद्दीन के बीमार पड़ने, पूर्व में तिहाड़ जेल में घटित हुई घटनाएं, अस्पताल भेजने के क्रम में एम्स के बजाय डीडीयू में भर्ती कराए जाने, मृत्यु के बाद सस्पेंस बनाने, लाश देने में आनाकानी करने, जबरन दिल्ली में अंतिम संस्कार करने को मजबूर करने आदि घटनाओं के बीच पार्टी के किसी भी नेता का बयान तक नहीं आना निराशा पूर्ण है.
शीर्षस्थ नेताओं के दिल्ली में मौजूद रहते हुए किसी का शहाबुद्दीन के इकलौते बेटे से मिलने तक नहीं जाना, ना कोई सहयोग, ना ढाढ़स, ना सहानुभूति. यह पार्टी का राजधर्म नहीं. अपने सच्चे सिपाही, संस्थापक सदस्य, मजबूत स्तंभ और परिवार के सदस्य के प्रति ऐसी उपेक्षा न केवल क्षोभपूर्ण है बल्कि अति आपत्तिजनक है.
पार्टी के रवैये से हैं दुखी
उन्होंने कहा, पार्टी के इस रवैये से मैं अत्यंत दुखी व मर्माहत होकर विरोध स्वरूप अपने प्रदेश उपाध्यक्ष के पद एवं प्राथमिक सदस्यता से तत्काल इस्तीफा दे रहा हूं. उन्होंने शहाबुद्दीन के निधन की जांच की मांग की. इस मौके पर पार्टी के युवा नगर अध्यक्ष मो. आसिफ खान, अल्पसंख्यक जिला उपाध्यक्ष अब्दुल फारूक, युवा जिला महासचिव सरवर हुसैन आदि उपस्थित थे. इन सभी ने भी अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है.
यह भी पढ़ें- फोन कर लड़की बोली- शहाबुद्दीन के शव को सीवान लाने में मदद कीजिए, ओवैसी बोले- RJD और लालू की गुलामी कीजिए
मुस्लिम नेताओं में रोष
पार्टी के एमवाई समीकरण का आधार रहे मो. शहाबुद्दीन की मौत के बाद मुस्लिम नेताओं में रोष नजर आ रहा है. यह रोष मौत के बाद और जेल में इलाज के दौरान उनके प्रति संवेदनहीनता दिखाए जाने के कारण है.