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सारण: बाढ़ का पानी कम होते ही ग्रामीणों को सताने लगी बीमारी की चिंता

ग्राउंड रिपोर्ट के लिए कटसा गांव पहुंची ईटीवी भारत की टीम ने स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनी. लोगों ने बताया कि अब करोना सहित अन्य बीमारियों का डर भी सताने लगा है. स्थानीय लोगों ने कहा कि इलाकों में लगभग 100 से ज्यादा घर हैं. जिसमें बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. लोग विभिन्न इलाकों में शरण लिए हुए हैं.

सारण

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Published : Sep 3, 2020, 5:41 PM IST

सारण: जिले में बाढ़ प्रभावित इलाकों में नदियों का पानी कम होने के बाद अब लोगों को बीमारी की चिंता सताने लगी है. हालांकि अभी भी कई प्रखंडों में जलजमाव की स्थिति जस की तस बनी हुई है. साथ ही स्थानीय इलाकों में जमा पानी अब दुर्गंध देने लगा है. वहीं इन इलाकों में मच्छरों का प्रकोप बढ़ने के साथ ही अनेकों प्रकार की समस्याएं भी उत्पन्न हो गई हैं.

सारण में जलजमाव

ग्राउंड रिपोर्ट के लिए कटसा गांव पहुंची ईटीवी भारत की टीम ने स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनी. लोगों ने बताया कि अब कोरोना सहित अन्य बीमारियों का डर भी सताने लगा है. स्थानीय लोगों ने कहा कि इलाकों में लगभग 100 से ज्यादा घर हैं. जिसमें बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. लोग विभिन्न इलाकों में शरण लिए हुए हैं. स्थिति इतनी दयनीय है कि लोग खुले में शौच करने को विवश हैं. वहीं बाढ़ का पानी उतरने के बाद बीमारी फैलने की आशंका कई गुना बढ़ गई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

प्रशासनिक उदासीनता के शिकार
एक माह से अधिक समय से बाढ़ की विभीषिका झेल रहे सारण जिले के कई प्रखंडों की परेशानी कम होते नहीं दिख रही है. स्थानीय लोगों ने मांग करते हुए कहा कि हम लोगों के प्रति सरकार उदासीन रवैया अपना रही है. यहां तक कि इलाके में ब्लीचिंग पाउडर तक का छिड़काव नहीं करवाया गया है. प्रशासनिक स्तर से हमें ना तो कोई राहत सामग्री मिली और ना ही कोई दवा आदि का वितरण ही किया गया.

स्थनीय गांव में भरा पानी

लोगों में खासी नाराजगी
गौरतलब है कि प्रशासन और स्थानीय प्रतिनिधियों के रवैए से ग्रामीणों में काफी आक्रोश है. पानी घर में प्रवेश कर जाने से लोगों के अनाज तक खराब हो गए हैं. साथ ही कई कच्चा मकान भी गिर गए हैं. वहीं सरकार ने अब तक कोई सुध नहीं ली है. लोगों दूसरे के घरों से जल लाकर पानी पीने को मजबूर हैं.

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