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जेपी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार पर प्रिंसिपल ने किया SC ST एक्ट के तहत केस

जयप्रकाश विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार आरपी बबलू पर जगलाल चौधरी महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. रामानंद राम ने एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा किया है. इसके बाद न्यायालय के आदेश पर पुलिस जांच में जुटी है. इस बारे में रजिस्ट्रार ने प्राचार्य पर आरोप लगाते हुए अपना पक्ष रखा है. पढ़ें रिपोर्ट..

जयप्रकाश विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार आरपी बबलू
जयप्रकाश विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार आरपी बबलू

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Published : Feb 9, 2022, 11:13 PM IST

छपराः जयप्रकाश विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार आरपी बबलू पर जगलाल चौधरी महाविद्यालय के प्राचार्य ने एससी एसटी एक्ट में मुकदमा किया (Principal Filed Case Against Registrar of JP University under SC ST Act) है. इसके बाद न्यायालय के आदेश पर भगवान बाजार थाना में मामला दर्ज कर पुलिस अनुसंधान में जुटी है. इस मामले में आरोपी रजिस्ट्रार डॉ. आरपी बबलू ने अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा है कि जगलाल चौधरी महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. रामानंद राम के विरुद्ध प्रधानमंत्री कार्यालय में एक साल पूर्व महाविद्यालय के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने एक आवेदन देकर उनके गलत व्यवहार की शिकायत की थी.

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उसकी जांच हेतु विश्वविद्यालय को निर्देश पत्र प्राप्त हुआ था. प्राप्त निर्देशों के अनुसार जांच की जा रही थी, जिसकी जानकारी प्राप्त होने पर आरोपित प्राचार्य ने जांच को रोकने के लिए दबाव देने की नीयत से उनके द्वारा पहले एससी एसटी थाना में आवेदन दिया गया, लेकिन जांचोपरांत आवेदन खारिज होने के बाद प्राचार्य न्यायालय की शरण में गए. उन्होंने मुकदमा दाखिल किया, जहां से मिले आदेश पर भगवान बाजार थाना में रजिस्ट्रार के विरुद्ध एससी एसटी एक्ट में मामला दर्ज किया गया है.

जयप्रकाश विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार आरपी बबलू ने बताया कि उनके विरुद्ध जगलाल चौधरी के प्राचार्य रामानंद राम द्वारा दर्ज कराया गया. मामला द्वेषपूर्ण एवं उनके विरुद्ध चल रही जांच में बाधा पहुंचाने की नीयत से किया गया है. रजिस्ट्रार डॉ. आरपी बबलू द्वारा बताया गया कि आरोपित प्राचार्य की पत्नी सुनीता कुमारी शिक्षा विभाग में शिक्षिका हैं और उन्होंने स्कूल से अवकाश लेकर विश्विद्यालय में गेस्ट टीचर के तौर पर योगदान किया है, जो नियमों की सरासर अनदेखी है. इस जानकारी के सामने आने के बाद सुनीता कुमारी को गेस्ट टीचर के पद से विरमित कर दिया गया. इन्ही सब कारणों से परेशान होकर और अपने विरुद्ध चल रही जांच, जिसमे वह निलंबित भी हैं, को रोकने के लिए दबाव की नीति के तहत फर्जी मुकदमा कर नाजायज फायदा उठाने की कोशिश की है.

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