छपरा: राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की पदयात्रा 167वें दिन बिहार के छपरा जिले के जलालपुर पहुंची. यहां उन्होंने बिहार सरकार और केन्द्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना (Prashant Kishor attacked PM Modi) साधा. प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार का छपरा जिला एक अकेला जिला नहीं है, जहां उद्योग धंधे बंद हुए हैं. लेकिन सवाल ये है कि आखिर क्यों?. पीके ने कहा कि इसके लिए विधायक और सांसद दोषी है. साथ ही उन्होने प्रधानमंत्री मोदी को उनके वादों की याद दिलाई और पूछा कि आपने तो कहा कि जब तक चीनी मिल की चाय नहीं पी लूंगा वोट लेने नहीं आउंगा.
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'बिहार में उद्योग बंद होना कोई नई बात नहीं' : छपरा के जलालपुर में प्रशांत किशोर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बिहार में सारण अकेला जिला नहीं है, जहां उद्योग बंद हुए. चंपारण में अकेले 35 से ज्यादा चीनी मिल थे. करीब-करीब सारे चीनी मिल बंद हैं. इनमें वो चीनी मिल भी शामिल है, जिसमें आज के प्रधानमंत्री मोदी जी ने मोतिहारी में साल 2014 में कहा था, इसी चीनी मिल के चीनी से चाय नहीं पी लूंगा और वोट लेने नहीं आउंगा.
''छपरा के चीनी मिल के लिए भी उन्होंने यही कहा था. आज वहीं मोतिहारी चीनी मिल का एक-एक इंच जमीन बीजेपी के विधायक और सांसद ने बंदरबांट कर लिया. बिहार में उद्योगों का बंद होना यह सिर्फ छपरा में नहीं हो रहा है.''- प्रशांत किशोर, चुनावी रणनीतिकार
'बेरोजगारी सिर्फ बड़े उद्योग पर निर्भर नहीं' : प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि, आपने सवाल किया कि उसे सुधारा कैसे जा सकता है. देखिए, उद्योगिकरण एक अलग मुद्दा है, लेकिन बेरोजगारी सिर्फ बड़े उद्योग पर निर्भर नहीं है. कई लोगों को लगता है कि बिहार में बेरोजगारी इसलिए है, कि बड़े उद्योग नहीं हैं. कई लोगों का कहना है कि बिहार में खनिज नहीं है. आजकल नीतीश कुमार ने कहना शुरू किया है कि समंदर नहीं है. इस बात को आप समझिए, पंजाब, हरियाणा, तेलंगाना, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी कोई समंदर नहीं है तो वहां पर उद्योग कैसे लग रहे है. यह सब बेकार की बात है.