छपरा: राज्य में कोरोना बेकाबू हो गया है. सरकार राज्य में इसे काबू करने के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही है. लॉकडाउन की भी आशंका जतायी जा रही है. ऐसे में छपरा जिले में रोज कमाई कर खाने वालों की चिंता बढ़ गई है. बढ़ते करोना को लेकर लोगों ने कहा लॉकडाउन एक विकल्प है लेकिन दिहाड़ी मजदूर भूखों मर जायेंगे.
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छपरा की सड़कों पर सन्नाटा
जिले में बढ़ते हुएकोरोना संक्रमणके खतरे से लोग काफी डरे और सहमे हुए हैं. बहुत ही जरूरी काम होने पर लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं. रविवार होने के कारण सड़कों पर पूरी तरह से सन्नाटा पसरा रहा. ऐसा लग रहा है जैसे अघोषित कर्फ्यू हो.
शहर की अधिकांश दुकानें बंद
चैत्र मास के प्रथम अर्द्ध होने के बाद भी सड़कों पर भीड़-भाड़ नहीं है. छपरा के सबसे व्यस्त सड़क पर पूरी तरह से वीरानगी छाई है. अन्य दिनों में हमेशा भीड़-भाड़ और वाहनों की आवाजाही के कारण सड़कों पर लगने वाला जाम आज कहीं दिखाई नहीं दे रहा है. ज्यादातर दुकानें और प्रतिष्ठान बंद हैं. छपरा कचहरी स्टेशन और उसके आसपास के इलाकों में इक्का-दुक्का लोग ही सड़कों पर आ जा रहे हैं.
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लॉकडाउन से हम भूखे मर जायेंगे
लोग यह जानने के लिए काफी उत्सुक हैं कि लॉकडाउन के लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार क्या निर्णय लेती है. हालांकि, एक तबके ने कहा कि लॉकडाउन लगा देना चाहिए ताकि कोरोना संक्रमण का खतरा कम हो सके. वहीं, दूसरा तबका रोज कमाने खाने वाला है. उनका कहना है कि लॉकडाउन लगाने से हम भूखे मरने के लिए मजबूर हो जाएंगे. सरकार हमारी मजबूरी भी समझे.