छपराः छपरा में सोमवार को पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन (Police And District Administration) द्वारा करीम चक स्थित खनुआ नाला पर अतिक्रमण (Encroachment at Khanua Nala) हटाने के दोरान घंटों हंगामा हुआ. एसडीएम सदर के नेतृत्व में जिला प्रशासन की टीम पहुंची और खनुआ नाला पर बने अतिक्रमित घरों और दुकानों को हटाने का प्रयास किया. लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के कारण जिला प्रशासन को वहां से उल्टे पांव लौटना पड़ा. स्थानीय लोगों का कहना है कि हम यहां पर लगभग 100 साल से ज्यादा समय से निवास कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें- पटना में नहीं होगा जलजमाव, निगम का दावा- '3 घंटे में निकाल देंगे पानी'
जमीन की काटी जाती है रसीद
स्थानीय लोगों ने कहा, ब्लॉक से और नगरपालिका से बकायदा इसकी रसीद भी कटती है. फिर हम अवैध कैसे हो गए. इस मामले में हम पटना हाईकोर्ट में केस भी कर चुके हैं. इस मामले में हमें स्टे मिला हुआ है. इसके बावजूद जिला प्रशासन ने जबरदस्ती करते हुए वहां पर काफी संख्या में फोर्स लगा दी. जेसीबी मशीन के साथ पहुंचे और अतिक्रमण हटाने का प्रयास शुरू किया.
बल प्रयोग से विद्रोह की स्थिति हुई उत्पन्न
इसको लेकर वहां विद्रोह की स्थिति हो गई और लोगों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. वहीं लोगों की नाराजगी इस बात पर थी कि हाईकोर्ट से स्टे ऑर्डर के बावजूद एसडीएम सदर अरुण कुमार सिंह जबरदस्ती अतिक्रमण हटाने का आदेश दे रहे थे. जब यहां के लोगों ने कहा कि यहां पर हाईकोर्ट का स्टे है, तो उन्होंने कहा कि मैं किसी कोर्ट के आदेश को नहीं मानता हूं. इस बात पर स्थानीय निवासी काफी उग्र हो गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे.
जिला प्रशासन और पुलिस लौटी वापस
एसडीएम सदर के इस बयान के बाद स्थिति काफी विस्फोटक हो गई. स्थिति बिगड़ता देख जिला प्रशासन वापस लौट गए. गौरतलब है कि खनुआ नाला के जीर्णोद्धार का काम चल रहा है. इस नाले की जमीन पर कई जगह पर अतिक्रमण भी हो गया है. जिसके कारण छपरा शहर में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न होजाती है. पिछली रात हुए जलजमाव के कारण पूरे छपरा शहर की स्थिति बद से बदतर हो गई है. यहां तक कि प्रशासनिक अधिकारियों के आवास एवं कार्यालय पर भी जलजमाव हो गया है.
सरकारी आवास तक हो गए थे जलमग्न
छपरा के डीएम और एसपी का कार्यालय और उनके सरकारी आवास भी जलजमाव की चपेट में हैं. गौरतलब है कि खनुआ नाला का जीर्णोद्धार का कार्य विगत कई वर्षों से चल रहा है. प्रशासन द्वारा इस पर से अतिक्रमण हटाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके पहले सभी 286 दुकानों को हटाने का आदेश दिया गया था. लेकिन आज तक इस मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है. जबकि एनजीटी ने खनुआ नाला से सभी तरह के अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था. इसे 31 दिसंबर 2020 तक पूरा करना था. बुडको द्वारा कई जगहों पर कार्य जरूर किया जा रहा है लेकिन इससे अभी तक शहर के जलजमाव को रोकने का प्रयास विफल साबित हुआ है.
यह भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर में हंगामा कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज