सारण: छपरा कचहरी स्टेशन के नजदीक कर्मचारियों के आवासीय परिसर के पास सड़क पर बरसात का पानी लगने से स्थानीय लोगों का घर से निकलना दुश्वार हो गया है. चूंकि सड़क पर बारसात के पानी के साथ गंदे नाले का पानी भी इकठ्ठा हो जाता है. जिससे रेल कर्मचारियों के साथ रास्ते से आने-जाने वालों लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
छपरा: रेलवे के आवासीय परिसर में जलजमाव से लोग त्रस्त, गंदा पानी है कई बीमारियों का घर
जलमग्न होने से कई तरह की बीमारियों का भी डर सताता है. जैसे पिछले वर्ष डेंगू का प्रकोप काफी बढ़ गया था. लेकिन विभाग पूछने तक नहीं आया कि स्थानीय लोग कैसे रहते हैं.
कर्मचारियों के साथ स्कूली बच्चों को होती है परेशानी
कचहरी स्टेशन के नजदीक रेल विभाग के लोको पायलट और तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों के रहने के लिए आवासीय परिसर का निर्माण कराया गया है. जिसमें बहुत से ऐसे मकान हैं जो काफी पहले ध्वस्त हो चुके हैं. इसके बावजूद उसमें लोग रहने को मजबूर हैं. ऐसे में जून की तपिश भरी गर्मी के बाद से ही खनुआ नाले का गंदा पानी आकर इलाके में रुक जाता है. जिससे लोगों को बहुत परेशानी होती है. सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को होती हैं जो स्कूल ड्रेस में घर से निकलते हैं. लेकिन बाहर आते ही जूते को हाथ में लेकर कर रास्ता पार करते है.
स्थानियों ने सुनाई व्यथा
रेलवे कॉलोनी में रहने वाले स्थानियों ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में बताया कि कॉलोनी में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न होते आते रही है. इसकी लिखित शिकायत रेल विभाग के कई वरीय अधिकारियों को दी गई है. लेकिन जलजमाव की समस्या से आज तक निजात नहीं मिल सका है. घरों में घुसे पानी को निकालने के लिए घरेलू मोटर को 24 घंटे चलाया जाता है. ऐसे में कम से कम तीन बार पानी को निकालना पड़ता है. इसके बावजूद रेलवे का आवासीय परिसर पूरी तरह से पानी से घिरा हुआ रहता है. जलमग्न होने से कई तरह की बीमारियों का भी डर सताता है. जैसे पिछले वर्ष डेंगू का प्रकोप काफी बढ़ गया था. लेकिन विभाग पूछने तक नहीं आया कि हमलोग कैसे रहते हैं.