सारण:बिहार केसारण जिले में नीरा स्टॉल की शुरुआत की गई है. जिलाधिकारी राजेश मीणा (Neera Stall In Collectriate At Saran) ने समाहरणालय परिसर में जिला अवर निबंधन कार्यालय के पास स्टॉल का उद्घाटन फीता काटकर किया गया. इस स्टॉल को जीविका दीदीयों के माध्यम से संचालित किया जाएगा. उद्घाटन के बाद डीएम ने खुद भी नीरा का सेवन किया गया. उन्होंने नीरा से होने वाले फायदे के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इसमें खनिज लवण, कैल्शियम, फास्फोरस, लौह, विटामिन ए, बी एवं सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. यह पाचन शक्ति और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. इसके सेवन से पेट संबंधित बीमारी दूर होती है.
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने बताया गया कि बिहार सरकार की अति महत्वपूर्ण योजनाओं में शामिल नीरा का उत्पादन कार्य जीविका दीदीयों के माध्यम से किया जा रहा है. बिहार में शराब बंदी कानून से प्रभावित होकर शराब एवं ताड़ी का कारोबार करने वाले लोग अपने जीविकोपार्जन के लिए नीरा को बढ़ावा देंगे. उसके साथ वैकल्पिक व्यवसाय के लिए सरकार के द्वारा लक्षित परिवारों को नीरा व्यवसाय से जोड़ने की दिशा में सराहनीय पहल की गयी है. ताड़ी और दारू व्यवसाय के व्यवसाय से जुड़े सभी चिह्नित परिवार को नीरा व्यवसाय से जोड़ने के लिए उनको उत्साहित किया जाएगा.
प्रतिदिन जिले में 850 लीटर नीरा का उत्पादन: जिलाधिकारी के द्वारा बताया गया कि नीरा पेय पदार्थ की बिक्री के लिए अब तक जिले के सभी 20 प्रखंडों में बीस नीरा स्टॉल खोला जा चुका है. समाहरणालय परिसर में दो स्टॉल प्रारंभ किया जा रहा है. इस प्रकार अब तक जिले में कुल 22 स्टॉल खोले जा चुके है. जहां लोगों को आसानी से नीरा उपलब्ध हो सकेगा. सारण जिला में अभी तक 15850 लीटर नीरा का उत्पादन किया जा चुका है. लगभग 850 लीटर नीरा का उत्पादन प्रतिदिन किया जा रहा है. जिले में 376 ट्रैपर को प्रशिक्षित किया गया था, जिसमें 108 ट्रैपरों के द्वारा प्रतिदिन नीरा का उत्पादन एवं ब्रिक्री किया जा रहा है. सरकार के द्वारा इस व्यवसाय को बढ़ाने के लिए नीरा के बने अन्य उत्पाद जैसे पेड़ा, आईसक्रीम एवं बिस्किट बनाने हेतु भी उत्साहित किया गया है. नीरा से संबंधित ट्रैपरों को इसके उत्पाद एवं बिक्री के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.