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छपरा में जलजमाव से सभी अधिकारी भी परेशान, निचले इलाकों का हाल बदतर - लोगों में आक्रोश

जलजमाव की स्थिति  शहर के अन्य इलाके के साथ-साथ छ्परा कचहरी परिसर,और नगर निगम कार्यालय यहां तक की जिले के डीएम सुब्रत कुमार सेन और एसपी हर किशोर राय के आवास में भी जलजमाव है.हलांकी, बारिश के रुकने के बाद निगम आनन-फानन में इन पॉश इलाकों से पानी निकालने की जुगत में जुट गए.

छपरा में जलजमाव से सभी अधिकारी भी परेशान

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Published : Oct 1, 2019, 10:41 AM IST

सारण: छपरा में हुई भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हो रहा है. जिले के कोने-कोने से बाढ़ की भयावह तस्वीरें सामने आ रही है. पानी ने लोगों के घरों में डेरा डाल दिया है. घरों में पानी घुसने की वजह कई इलाकों में जल कर्फ्यू जैसी स्थिति उत्पन्न हो चुकी है. लोग अपने घरों के छतों पर रहने को मजबूर हो गए हैं.

लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त
शहर में विगत चार दिनों से भारी बारिश हो रही थी, बारिश ने पिछले 5 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया था. फिलहाल शहर में बारिश रुकी हुई है. ऐसे में जल जमाव की भयावह स्थिति पैदा हो गई है. लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. शहर के सभी मोहल्ले, दुकान, सड़क, अस्पताल और रेलवे स्टेशन बारिश के पानी से लबालब हैं.

छपरा में जलजमाव से सभी अधिकारी भी परेशान

पॉश इलाके से पानी निकालने में जुटा है निगम
जलजमाव की स्थिति शहर के अन्य इलाके के साथ-साथ छ्परा कचहरी परिसर और नगर निगम कार्यालय के अलावे जिले के डीएम सुब्रत कुमार सेन और एसपी हर किशोर राय के आवास में भी है.
हालांकि, बारिश के रुकने के बाद निगम आनन-फानन में इन पॉश इलाकों से पानी निकालने की जुगत में जुट गए हैं.

पानी निकालने में जुटा निगम

आरपीएफ बैरक में भरा है घुटने भर पानी
जलजमाव से सिर्फ शहरवासी ही नहीं परेशान है बल्कि छपरा जंक्शन के आरपीएफ बैरक में अब भी धुटने भर पानी भरा हुआ है. आरपीएफ के जवान ड्युटी के बाद इसी बैरक में पानी के बीच रात काटने को मजबूर हैं.

आरपीएफ बैरक में भरा पानी

निचले इलाकों का हाल बदतर
लगातार भारी बारिश को लेकर जहां शहर के मुख्य मार्गों पर जलजमाव की भयावह स्थिति है. निचले इलाकों में हालात काफी खराब हैं. कई इलाके में काफी संख्या में लोगों के घरों में पानी घुसे होने से परेशानी है. लोग घरों की छत पर रह रहे हैं. इस मामले पर लोग जिला प्रशासन के रवैये से नाराज दिखे लोगों ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमलोगों को किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं मिली. बाढ़ से हमलोग दूसरी बार प्रभावित हुए हैं. मदद की बात तो दूर है, किसी सरकारी बाबू या माननीय ने यहां तक आने की जहमत भी नहीं उठाई. लोगों ने स्थानीय नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव के समय माननीय वादाओं का झुनझुना हाथ में थमा कर चुनाव जीत कर आगे निकल जाते है.

निचले इलाकों में बाढ़

लोगों में आक्रोश
जिला प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. मदद की आस में बैठे ग्रमीणों मे काफी आक्रोश है. लोगों का कहना है कि कई दिनों से हम घर में बंद हैं. बिजली भी नहीं आ रही है. इस वजह से पीने का पानी भी नहीं मिल पा रहा है. सरकार की तरफ से भी कोई मदद नहीं मिल रही है. एक बुजुर्ग ने बताया कि यहां किसी भी तरह की मदद नहीं मिल रही है, नाव की भी व्यवस्था नहीं की गई है. उन्होंने बताया कि घर में राशन पानी भी खत्म हो चुका है. अगर प्रशासन इस समस्या का पहले से कोई ठोस समाधान निकालने की कोशिश करता तो आज यह दिन न देखने को मिलता. लोगों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई.

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