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छपरा में NHRC की टीम : मृतकों के परिजनों से मिलकर ली घटना की विस्तृत जानकारी

Bihar Hooch Tragedy छपरा जहरीली शराबकांड में मारे गए लोगों के परिजनों से NHRC (राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग) की टीम ने छपरा में मुलाकात की है. इस दौरान टीम ने सबसे ज्यादा प्रभावित गांवों का दौरा किया और पीड़ितों से पूरी घटना की विस्तृत जानकारी ली है.

Chapra hooch tragedy
Chapra hooch tragedy

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Published : Dec 21, 2022, 4:15 PM IST

Updated : Dec 21, 2022, 5:08 PM IST

NHRC की टीम पहुंची छपरा

छपरा: राष्ट्रीय मनावाधिकार आयोग की दो सदस्यीय टीम छपरा शराब त्रासदी (Chapra hooch tragedy) की जांच कर रही है. टीम मशरख पहुंची और मृतक के परिजनों से मुलाकात की है. इस दौरान टीम ने सबसे ज्यादा प्रभावित बहरौली और बीन छपरा सहित सभी गांव का दौरा किया. पीड़ित परिवारों से एनएचआरसी की टीम ने एक एक चीज की विस्तृत जानकारी ली. (NHRC Team met families of deceased of Chapra)

पढ़ें- Chhapra Hooch Tragedy: NHRC की दूसरी टीम DG के नेतृत्व में बिहार पहुंची, शराब कांड की करेगी जांच

मशरख में NHRC की टीम: मानवाधिकार आयोग की 2 सदस्यीय टीम मशरख के ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर रही है और पीड़ित परिवार से मिलकर पूरी जानकारी ले रही है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में मौतों का आंकड़ा काफी संख्या में बताया जा रहा है. इस दौरान टीम ने मशरख समुदाय स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों और कर्मियों से मिलकर मरीजों की भर्ती से लेकर रेफर तक का आंकड़ा जुटाया है. टीम ने छपरा पहुंचते ही सबसे पहले कितने लोगों की मौत जहरीली शराब से हुई है, इस बाबत आंकड़ें इकट्ठा किए. उसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे.

CS ने की 42 मौतों की पुष्टि: मानवाधिकार आयोग की 1 सदस्यीय टीम मंगलवार देर शाम सदर अस्पताल पहुंचने के बाद वहां से पूरी जानकारी ली थी.उन्होंने सिविल सर्जन अस्पताल उपाधीक्षक और अन्य कर्मचारियों से भी विस्तृत बात की थी. छपरा सदर अस्पताल में सिविल सर्जन ने मानवाधिकार आयोग के टीम के सदस्य को बताया कि 38 मौतें हुई हैं जिसका हम लोगों ने पोस्टमार्टम किया है. चार मौतें पटना में हुई हैं. वहीं बुधवार को सिविल सर्जन ने कुल 42 मौतों की पुष्टि की है.

टीम ने पीड़ित परिवारों से किए ये सवाल: मशरख थाना क्षेत्र के बहरौली गांव में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम पहुंची और मृतकों के परिजनों से मिली. टीम ने सही जानकारी लेने का प्रयास किया कि आखिर उनके घर के व्यक्ति की मौत शराब पीने से कैसे हुई? साथ ही टीम ने एक सवालों की लिस्ट बनाई है और परिजनों से उसके जवाब लिए गए. टीम ने जो सवाल किए वो इस प्रकार से हैं.- मृतक की जब तबीयत खराब हुई तो क्या क्या परेशानियां हुई थीं, परिजनों ने मरीज का इलाज कहां-कहां कराया, व्यक्ति जब मृत घोषित कर दिए गए तो पोस्टमार्टम में क्या क्या परेशानियां आईं, इलाज के क्रम में क्या-क्या सुविधाएं प्राप्त हुईं.

ज्यादातर गरीब परिवार के लोगों की मौतः राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने कहा था कि जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें से ज्यादातर गरीब परिवारों से हैं और शायद निजी अस्पतालों में महंगा इलाज नहीं करा सकते, इसलिए राज्य सरकार के लिए यह अत्यंत आवश्यक हो जाता है कि जहां कहीं भी उपलब्ध हो, उन्हें सर्वोत्तम हर संभव चिकित्सा उपचार प्रदान किया जाए. आयोग ने कहा था कि उन्होंने नोट किया है कि अप्रैल, 2016 में बिहार सरकार ने राज्य में शराब की बिक्री और खपत पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था और इसलिए ऐसी घटनाओं से संकेत मिलता है कि वह अवैध और नकली शराब की बिक्री को रोकने में सक्षम नहीं है.

कई जिलों में हुई है मौतः आयोग के अनुसार 17 दिसंबर, 2022 को की गई मीडिया रिपोटों के अनुसार, सीवान जिले में पांच व्यक्तियों और बेगूसराय जिले में एक व्यक्ति की मौत की सूचना मिली थी, जबकि 14 दिसंबर, 2022 को हुई जहरीली शराब त्रासदी में 73 लोगों की मौत हुई है, जबकि सरकारी आंकड़ों में 38 लोगों की मौत हुई है.


Last Updated : Dec 21, 2022, 5:08 PM IST

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