छपराःजहरीली शराबकांड (chapra poisonous liquor case) में जांच के लिए बिहार के छपरा पहुंची राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोगकी टीम ने मृतकों के परिवार वालों से मुलाकात कर इस मामले में पूरी जानकारी ली. ग्रामीण परिवेश के लोगों से ग्रामीण भाषा में और अन्य लोगों से अधिकारियों (NHRC team investigation in chapra) ने सामान्य भाषा में पूछताछ की. आयोग की टीम ने लोगों से यह भी पूछा कि प्रशासनिक दबाव में आप लोगों ने लाशों को जहां तहां जलवाया कि अपने मन से. कुछ लोगों ने इस बात को स्वीकार किया कि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कहा गया कि 'ठंड लगने से मौत की बात कहोगे तो 5 लाख मिलेगा. जहरीली शराब से मौत की बात कहोगे तो एक पैसा नहीं मिलेगा'.
ये भी पढ़ेंःNHRC की टीम के छपरा दौरे से नीतीश सरकार परेशान, आंकड़ों से समझिए क्यों शराबबंदी पर उठ रहे सवाल
प्रशासनिक पदाधिकारियों में हड़कंपः वहीं, मानव अधिकार आयोग की टीम के छपरा पहुंचने के बाद से ही प्रशासनिक पदाधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. टीम गुरुवार को तीसरे दिन भी जिले में डटी रही और सीएस एवं डीएस से 2 घंटे तक पूछताछ की. आधिकारियों ने सिर्फ प्रशासनिक पुष्टि किए गए 42 मृतकों के परिजनों से ही नहीं बल्कि मरने वाले 74 लोगों के घर जाकर जानकारी जुटाई. सभी प्रभावित इलाकों में जाकर टीम ने गांव के लोगों से पूछताछ की है. बता दें कि छपरा के मढ़ौरा, मशरक, इशुआपुर में ज्यादा कैजुअलटी हुई थी.