सारण:किसानों की बढ़ती परेशानी को देखते हुए यूपी के प्रयागराज में भारतीय किसान यूनियन की ओर से एक अधिवेशन आयोजित की जाएगी. इसमें पूरे देश के किसान संगठन के लोग भाग लेंगे. साथ ही यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह भारद्वाज भी शामिल होंगे.
'भारत में कृषि का अत्यंत अहम स्थान'
इस मामले पर ईटीवी भारत से बात करते हुए भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का स्थान काफी अहम है. वर्तमान समय में देश की एक बड़ी आबादी कृषि के माध्यम से ही रोजगार पाती है. बावजूद, इसके सरकार किसानों की समस्याओं का कोई ठोस निदान नहीं निकाल पाई है, जिस वजह से ये राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया गया है. इसमें पूरे देश के प्रमुख किसान संगठन के लोग भाग लेंगे.
किसानों के लिए अलग से नीति बनाए सरकार
मनोज कुमार सिंह ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए विदेश नीति बनाई जाती है, लेकिन किसानों के लिए अभी तक कोई नीति नहीं बनाई गई है. जिस वजह से किसानों की दशा सुधरने के बजाय दिन-प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं.
किसानों का दुख-दर्द समझे सरकार
किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि किसानों को प्रकृति की मार भी झेलनी पड़ती है. जिस वजह से किसान कर्ज के बोझ तले दबे जा रहे हैं. देश में किसानों के हालात काफी बदतर हैं, जिस वजह से हाल के दिनों किसानों के आत्महत्या की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है.
कृषि क्षेत्रों में आई गिरावट
मनोज कुमार बताते हैं कि देश की आधी श्रमशक्ति कृषि के क्षेत्र कार्यरत है. कृषि का भारत की जीडीपी में 17.5 प्रतिशत योगदान है. हालांकि कुछ दशकों से भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में मैन्युफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्र का योगदान काफी तेजी से बढ़ा है. जबकि कृषि के क्षेत्रों में भारी गिरावट आई है.
कृषि उत्पादकता को प्रभावित करने के अमुख कारक
- खेती की जमीन का आकार घट रहा है और किसान अभी भी मानसून पर निर्भर हैं
- सिंचाई की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध नहीं
- उर्वरकों का असंतुलित प्रयोग हो रहा, जिस वजह से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होती जा रही है
- सरकारी एजेंसियों की ओर से खाद्यान्नों की पूरी खरीद नही की जाती है. जिस वजह से किसानों को लाभकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है