सारण (छपरा):बिहार में कड़ाके की ठंड (Severe Cold In Bihar) और कोहरे के कारण जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. ठंड और कुहासे का सबसे ज्यादा असर सड़क, वायु और रेल परिचालन पर पड़ा है. सबसे ज्यादा ट्रेनें प्रभावित हुई है. इस जबरदस्त कोहरे के कारण अक्सर ट्रेन लेट चल रही है. वहीं रोजोना कई ट्रेनों को रद्द किया जा रहा है. सुरक्षा को लेकर रेलवे ने नया निर्देश जारी किया है.
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कोहरे को लेकर रेलवे का नया निर्देश: रेल मंत्रालय द्वारा कोहरे के मौसम के देखते हुए यात्रियों को उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए सभी सुरक्षात्मक उपाय कर रहा है. इस दौरान रेल प्रशासन ने सभी लोको पायलट और सहायक लोकों पायलट को सुरक्षा से संबन्धित नए दिशा निर्देश जारी किये हैं. सभी लोकों पायलट और सहायक लोकों पायलट को फॉग डिवाइस उपलब्ध कराया गया है. ताकि, आगे आने वाली सभी सिग्नल और अन्य बातों की जानकारी लोकों पायलट को मिलती रहे.
कोहरे में स्व विवेक से चलाए ट्रेन: रेलवे के सिग्नल और इंजीनियरिंग विभाग ने मिलकर ऐसे संभावित जगह को चिन्हित कर उस जगहों पर विशेष रूप से सतर्क रहने के लिए रेलवे के लोकों पायलट को निर्देश जारी किया है और वहा पर डेंजर मार्क भी लगाए हैं. ज्यादा कुहासे वाले जगहों पर पटाखा लगा कर ड्राइवरों को सचेत किया जाता है. इन सारे निर्देश के बाद भी रेलवे ने लोकों पायलट को यह हिदायत दे दी है की वे स्व विवेक से ट्रेन चलाएं और अगर कुहासा बहुत ज्यादा है तो ट्रेन को खड़ी कर दें.
"कुहासे के मौसम में ट्रेनों का सुरक्षित परिचालन रेलवे की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है और इस मौसम में सतर्कता बहुत ही आवश्यक होती है. इसके लिए रेलवे द्वारा अपने सभी लोको पायलटों को विशेष निर्देश दे दिया जाता है. इस दौरान अगर ट्रेनें लेट होती है तो ड्राइवर से इस संबंध में कोई स्पष्टीकरण नहीं लिया जाता है. वैसे अन्य दिनों में अगर ट्रेनें लेट होती है तो ड्राइवरों से स्पष्टीकरण मांगा जाता है. लेकिन कुहासे के कारण ट्रेन लेट होने पर इस नियम में शिथिलता बरती जाती है. रेलवे के द्वारा संरक्षा सुरक्षा और समय पालन के नियम के तहत ट्रेनों का परिचालन किया जाता है, लेकिन कुहासे के मौसम में सुरक्षित परिचालन हेतु रेलवे अपने नियमों में काफी बदलाव करता है. ताकि यात्रियों को उनके गंतव्य पर सुरक्षित पहुंचाया जा सके."- विनोद राय, लोकों पायलट, छपरा वाराणसी मंडल