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किसानों के समर्थन में वामदलों का धरना, कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग

सीपीआई नेताओं ने कहा कि हाल ही में संसद की ओर से पारित कृषि कानून किसानों के हित के खिलाफ है. इससे किसान पूंजीपतियों के बंधुआ गुलाम हो जाएंगे और खाद्यान्न की जमाखोरी बढ़ेगी.

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Published : Dec 2, 2020, 4:57 PM IST

सारण
सारण

सारण(छपरा): जिले में सीपीआई और सीपीएम कार्यकर्ताओं ने नगर निगम चौक पर कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. वहीं, किसान आंदोलन पर सरकारी दमन के खिलाफ एक दिवसीय धरने का आयोजन भी किया. जिसका नेतृत्व सीपीआई के जिला सचिव रामबाबू सिंह, सीपीआई के जिला सचिव शिवशंकर प्रसाद और माले के जिला सचिव सभापति राय ने किया.

कृषि कानून किसानों के हित के खिलाफ
धरनास्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि हाल ही में संसद की ओर से पारित कृषि कानून किसानों के हित के खिलाफ है. इससे किसान पूंजीपतियों के बंधुआ गुलाम हो जाएंगे और खाद्यान्न की जमाखोरी बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि किसानों को औने पौने दाम पर खाद्यान्न बेचने के लिए मजबूर किया जा रहा है. वर्तमान कृषि कानून से मंडियों में लोगों को बेरोजगारी के मुंह में धकेला जा रहा है. मंडियों की संख्या पूरे देश में 40000 के आस-पास है. लाखों लोगों को यह काम प्रदान करता है. इस कानून के माध्यम से सरकार प्रतिवर्ष खाद्यान्न का जो व्यापार 68 करोड़ रुपये का होता है, उसे पूंजीपतियों को देने की साजिश कर रही है.

किसान आंदोलन पर जाहिर की नाराजगी
वाम दल के नेताओं ने इस कानून को वापस लेने, किसानों का कर्ज माफ करने, पेंशन की व्यवस्था करने और किसानों पर दमनकारी नीति बंद करने जैसी मांगों को न्यायोचित बताया है. नेताओं ने इसे अविलंब पूरा करने की मांग की. सभी ने एक स्वर में किसान आंदोलन पर दमन की कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर की.

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