छपरा:आजादी के दशकों बाद भी बिहार में कई ऐसे गांव हैं जहां के लोगों को सरकार बुनियादी सुविधा तक मुहैया नहीं करा पाई है. लोगों को अब भी कहीं आने-जाने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है. सारण में एक ऐसा ही स्टेशन है छपरा ग्रामीण स्टेशन. इस स्टेशन को जंक्शन की मान्यता मिली है. लेकिन, किसी भी या पैसेंजर एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव यहां नहीं है.
छपरा ग्रामीण स्टेशन पर सभी सुविधाएं हैं. यहां कर्मी मौजूद हैं, टिकट काउंटर भी है. लेकिन एक भी ट्रेन का ठहराव नहीं है. नतीजतन न तो यहां यात्री दिखते हैं और न ही ट्रेन नजर आती है. रेलवे ट्रैक और परिसर में दिन-रात सन्नाटा पसरा रहता है.
साल 2015 में हुआ था उद्घाटन
पूर्वोत्तर व पूर्व मध्य रेलवे के बीच जेपी विश्वविद्यालय के पास छपरा ग्रामीण जंक्शन का उद्घाटन साल 2015 में किया गया था. तत्कालिक रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रिमोट के जरिए इसका उद्घाटन किया था. यात्री सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए इस स्टेशन का निर्माण कराया गया था. पूर्वोत्तर रेलवे का दूसरा ऐसा रेलवे स्टेशन है जिसे दो मंजिला बनाया गया था. लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि 5 सालों में यहां एक भी ट्रेन नहीं आई.
स्टेशन पर बदहाली
स्टेशन अधीक्षक की मानें तो यहां सिंगल संचार और स्टेशन से जुड़े सभी उपकरण मौजूद हैं. स्टेशन मास्टर की भी पोस्टिंग है. टिकट काउंटर भी है. लेकिन एक भी ट्रेन का ठहराव नहीं दिया गया है. हालांकि, पीने के पानी के लिए उन्हें काफी कठिनाई झेलनी पड़ती है. स्टेशन पर तैनात कर्मी बगल के गांव से पानी लाते हैं. साथ ही स्टेशन पर आने-जाने के लिए एकमात्र सड़क है, जिस पर सालों भर जलजमाव बना रहता है.
छपरा से माल गोदाम हुआ शिफ्ट
बता दें कि स्टेशन पर माल गोदाम छपरा जंक्शन से हस्तांतरित कर लाया गया है. जहां पर माल ट्रेनों का ठहराव माल की लोडिंग व अनलोडिंग की जाती है. स्टेशन अधीक्षक सीएस सिंह ने बताया कि माल गोदाम के लिए यह स्टेशन इंटरचेंज पॉइंट है. यात्रियों और आम लोगों की डिमांड पर यात्री गाड़ियों के ठहराव पर बातचीत हो रही है. हालांकि अभी तक प्रपोजल हुआ नहीं है. यहां प्लेटफार्म की कमी है.
स्टेशन अधीक्षक ने दी जानकारी छात्र ने बताई ट्रेन की आवश्यकता
मौके पर मौजूद विद्यार्थी अमन कुमार ने बताया कि छपरा ग्रामीण जंक्शन पर पैसेंजर ट्रेनों का ठहराव होने से विद्यार्थियों को जेपी यूनिवर्सिटी जाने में बहुत सहूलियत होगी. अभी बहुत परेशानी होती है. ट्रेनों के परिचालन से विद्यार्थियों के साथ-साथ आम लोगों के भी समस्या दूर हो जाएगी क्योंकि बगल में भिखारी चौक, ब्लॉक इन सभी जगहों पर आने-जाने में लोगों को कम समय लगेगा इसलिए सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए.