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जेपी और लोहिया को सिलेबस से 'आउट' करने पर कुशवाहा नाराज, बोले- जांच कर दोषियों पर हो कार्रवाई - सिलेबस से जेपी और लोहिया को आउट करने पर बोले उपेंद्र कुशवाहा

जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने जेपी विश्वविद्यालय में जेपी और लोहिया के विचारों को पाठ्यक्रम से हटाने की निंदा की है. उन्होंने वीसी से जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की.

सिलेबस से जेपी और लोहिया को आउट करने पर उपेंद्र कुशवाहा नाराज
सिलेबस से जेपी और लोहिया को आउट करने पर उपेंद्र कुशवाहा नाराज

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Published : Sep 2, 2021, 1:23 PM IST

सारण (छपरा): अपनी बिहार यात्रा के तहत जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) छपरा दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने जयप्रकाश विश्वविद्यालय (JP University) में लोकनायक जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया और बाल गंगाधार तिलक की जीवनी पाठ्यक्रम से हटाने के मुद्दे पर नाराजगी जतायी. उन्होंने कहा कि इसकी जितनी निंदा की जाए कम है. कुलपति इसकी जांच कराएं और किसके आदेश से ये हुआ है, उस दोषी पर कठोर कार्रवाई करें. साथ ही पुनः इसे पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए.

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वहीं उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि वित्त रहित शिक्षकों की पूरी समस्या से अवगत हूं. इस पर पूरा जरूर ध्यान दूंगा. उन्होंने कहा कि मेरी यात्रा का मुख्य उद्देश्य बिहार के सभी जिलों में मुख्यमंत्री के कार्यों की समीक्षा है. इसके साथ ही गरीबों और पिछड़ों की स्थिति और सामाजिक योजनाओं का आंकलन और पार्टी के कार्यकर्ताओं की हौसला अफजाई है.

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उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जातीय जनगणना के लिए सभी पार्टियां एकमत हैं. सभी जाति के लिए ये अति आवश्यक है ताकि यह पता चले कि कौन सी जाति के कितने लोग हैं. आज आरक्षण की बात होती है तो कई सारे लोग कहते हैं कि हमें इसका फायदा नहीं मिलता है. जब जाति के हिसाब से जब इसकी जनगणना होगी तो यह बात एकदम साफ हो जाएगी किस जाति के कितने लोग हैं. उनको जो आरक्षण मिल रहा वह कम है या ज्यादा अगर कम मिल रहा होगा तो वह ज्यादा हो जाएगा. अगर ज्यादा होगा तो कम भी हो सकता है क्योंकि यह आबादी के प्रतिशत पर ही निर्भर करता है.

इधर सोशल मीडिया के जरिए लालू यादव ने भी इस मामले में सरकार से अविलंब संज्ञान लेकर कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि मैंने जयप्रकाश जी के नाम पर अपनी कर्मभूमि छपरा में 30 वर्ष पूर्व जेपी विश्वविद्यालय की स्थापना की थी. अब उसी यूनिवर्सिटी के सिलेबस से संघी बिहार सरकार और संघी मानसिकता के पदाधिकारी महान समाजवादी नेताओं जेपी-लोहिया के विचार हटा रहे हैं. जेपी-लोहिया हमारी धरोहर हैं, उनके विचारों को हटाना बर्दाश्त से बाहर है.

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