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Navratri 2023: छपरा में किंग कोंग गोरिल्ला के मुख में विराजेंगी मां दुर्गा, पंडाल देख हो जाएंगे हैरान

दुर्गा पूजा का त्योहार (Durga Puja Festival) जैसे-जैसे नजदीक का आ रहा है वैसे ही पंडाल आकर्षक रूप लेने लगे हैं. छपरा के फुटानी बाजार में किंग कोंग गोरिल्ला के मुख में मां दुर्गा विराजेंगी. कलाकारों के द्वारा अपनी संपूर्ण प्रतिभा का इन पंडालों को बनाने में उपयोग किया जा रहा है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 14, 2023, 3:02 PM IST

छपरा में दुर्गा पूजा पंडाल

छपरा: बिहार केछपरा में दुर्गा पूजा की तौयारी जोरो पर है. यहां बाहर से भी कई कलाकार विशेष कर पश्चिम बंगाल से पूजा पंडालो को आकर्षक रूप देने में लगे हुए हैं. लाखों रुपए खर्च करके इन आकर्षक पूजा पंडालों का निर्माण किया जा रहा है. बाहर से आए कलाकार और सारण जिले के कलाकार दिन-रात मेहनत करके पंडाल को बेहतर रूप देने के लिए लगातार जुटे हुए हैं.

पढ़ें-Navratri 2023: पटना में दुर्गा पूजा की तैयारियां जोरों पर, बुर्ज खलीफा से लेकर वृंदावन का प्रेम मंदिर.. देखें इस बार कैसा होगा पंडाल

गोरिल्ला के मुख में विराजेंगी मां दुर्गा: इस बार फिर यहां के कलाकारों के द्वारा माता का आकर्षक पंडाल बनाया जा रहा है. माता इस बार किंग कोंग गोरिल्ला के मुख में विराजेंगी. इसके लिए बड़े पैमाने पर काफी दिनों से तैयारी की जा रही है क्योंकि यहां का एक अलग स्वरूप होता है. इसके लिए पिछले 3 महीने से कलाकार दिन रात एक करके पंडाल को गोरिल्ला जानवर की शक्ल देने का प्रयास कर रहे हैं.

शेर के मुख में विराजी थी माता:15 अक्टूबर से नवरात्र प्रारंभ है और कलाकारों के द्वारा भी दुर्गा प्रतिमा और पंडाल को अंतिम रूप दिया जा रहा है. यहां फुटानी बाजार में प्रत्येक वर्ष एक अलग तरह की थीम पर प्रतिमा का निर्माण किया जाता है. पूजा पंडाल भी काफी आकर्षक और भव्य होता है. पिछले वर्ष इसी जगह पर माता शेर के मुख में विराजी थी.

पंडाल में आई लाखों की लागात: इसको बनाने में काफी मात्रा में बांस और पुआल का प्रयोग किया गया है. गोरिल्ला की आकृति देने के लिए लगभग 5 से 7 हजार बांस का उपयोग किया गया है. इसके बनने में अभी तक 25 से 30 लाख रुपये की लागत आ चुकी है. इसको सारण के कलाकार ओम प्रकाश चौधरी ही बना रहे हैं और उसके पहले उन्होंने शेर की आकृति बनाई थी। इसी गोरिल्ला के मुंह में अंदर जाने के लिए एक रास्ता बनाया गया है और अंदर माता का दरबार सजेगा.

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