छपरा: मढ़ौरा में हुए दारोगा-सिपाही हत्याकांड मामले को लेकर जदयू के वरिष्ठ नेता कामेश्वर सिंह ने बुधवार को प्रेस कॉफ्रेंस की. उन्होंने इस मामले में जिला परिषद के अध्यक्ष मीना अरुण और एक अन्य के सरेंडर में मुख्य भूमिका निभाई है. कामेश्वर सिंह ने कहा कि हमने अपना काम किया है. जेडीयू का जो स्टैंड है, उसी आधार पर हमने यह कार्य किया है.
नेता कामेश्वर सिंह ने कहा कि जेडीयू के लोग सुशासन में विश्वास करते हैं. इस कारण उन्होंने अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए मीना अरुण को आत्म समर्पण के लिए कहा और उसने ऐसा ही किया. हालांकि, कामेश्वेर सिंह ने बताया कि मीना अरुण रिश्ते में उनकी मौसेरी बहन लगती हैं. वह इस मामले में आरोपी हैं.
दो पुलिसकर्मियों की हुई थी मौत
प्रेस कॉफ्रेंस के दौरान जेडीयू नेता ने कहा कि कानून अपना काम करेगा. वह कानून का पूरी तरह से सम्मान करते हैं. जांच के बाद जो भी फैसला आएगा, उन्हें वह मंजूर होगा. बता दें कि जिले के मढ़ौरा के एलआईसी भवन के पास एसआईटी पर स्कार्पियो सवार कुछ अपराधियों ने फायरिंग की थी. इसमें सिपाही फारुख अहमद और दारोगा मिथिलेश साह की मौत हो गई थी. जबकि एक जवान रजनीश बुरी तरह जख्मी हो गया था.
आत्मसमर्पण करने के दौरान हुई गिरफ्तारी
घटना के चश्मदीद दारोगा विकास के बयान पर मढ़ौरा थाने मे दर्ज एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इस मामले में पुलिस ने 7 लोगों को आरोपी बनाया गया था. जिसमें जिला परिषद के अध्यक्ष मीना अरुण, उनके पति अरुण सिंह, भतीजे सुबोध सिंह शामिल हैं. बीते सोमवार को जिला परिषद अध्यक्ष को पुलिस ने जिला परिषद कार्यालय नगरपालिका चौक के पास गिरफ्तार किया था. वह आत्मसमर्पण करने जा रहे थे.