सारण: सम्पूर्ण क्रांति के नेता जयप्रकाश नारायण और उनकी पत्नी प्रभावती देवी के नाम पर स्थापित जयप्रभा सेतु दिनों-दिन जर्जर होता जा रहा है. बिहार और यूपी को जोड़ने वाले इस सेतु की हालत बद से बद्तर हो गयी है. गाजीपुर में हमीद सेतु पर भारी वाहनों के आने-जाने पर रोक लगने के बाद से इस पुल पर लोड बढ़ गया है. यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. लेकिन जिला प्रशासन इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहा है.
बाहर दिखाई देती लोहे की रॉड बिना लोकार्पण ही शुरू हुआ था परिचालन
यूपी और बिहार का राज्यांश होने के कारण जयप्रभा सेतु को बनने में तीस साल का समय लगा था. इसका मुख्य कारण धन का अभाव रहा. वहीं, 2005 में यह पुल बनकर तैयार हो गया. लेकिन बिना लोकार्पण किए ही वर्ष 2006 से वाहनों का परिचालन शुरू हो गया. मौजूदा स्थिति की बात की जाए तो सेतु पर जगह-जगह बड़े गड्ढे बन गए हैं और पुल में लगी सरिया टूट कर इधर-उधर बिखरने लगी है.
झांकते सरिये दे रहे हादसे का संकेत
सेतु निर्माण के समय डाले गए सरिये अब बाहर निकल गये हैं. पुल से बाहर निकले ये सरिये किसी बड़े हादसे को दावत दे रहे हैं. जगह-जगह बने गड्ढे से लोहे के बेशकीमती रॉड और प्लेट भी दिखाई देने लगी हैं. कई बार लोग इनमें फसकर हादसों का शिकार हो जाते हैं. पुल के दोनों मुहाने की सड़क भी टूट चुकी है. लेकिन विभाग का इधर ध्यान ही नहीं गया.
आए दिन होती हैं दुर्घटनाएं
इस पुल से रोजाना हजारों की संख्या में छोटे बड़े वाहनों का परिचालन होता है. सरयू नदी पर बना सेतु शराब तस्करी, आत्महत्या और दुर्घटना जोन के रूप में काफी चर्चित है. सेतु की टूटी सड़कों के कारण यहां आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं. रोजाना लोग गिरकर चुटहिल हो रहे हैं. इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन या सम्बंधित विभाग कोई इस ओर ध्यान नहीं दे रहा हैं.
विधायक ने लिया संज्ञान
वहीं, जयप्रभा सेतु के जर्जर स्थिती पर संज्ञान लेते हुए. छपरा से भाजपा विधायक डॉक्टर सीएन गुप्ता ने बिहार विधानसभा में इस मामले को उठाया है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान विधायक ने कहा कि सेतु के मामले को बलिया के सांसद वीरेन्द्र सिंह से मिल कर अवगत कराऊंगा. इसके साथ ही यूपी के मंत्री व मुख्यमंत्री से मिल कर जयप्रभा सेतु की मरम्मत कराने की मांग करूंगा.